नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : दिल्ली ब्लास्ट के बाद मोदी सरकार फुल एक्शन मोड में है। कैबिनेट बैठक में इस ब्लास्ट को आतंकी घटना घोषित कर दिया गया है। वहीं, सरकार ने इस मामले की जांच को स्पीड के साथ पूरा करने का निर्देश दे दिया है।
आपको बता दें कि इस ब्लास्ट में कम से कम 12 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। वहीं, घायलों की स्थिति भी ऐसी थी, जिसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। ऐसे में मोदी सरकार ने साफ कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करने के लिए अडिग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अलग से मुलाकात की।
तुर्की एंगल भी आया सामने
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 नवंबर की दिल्ली आतंकी घटना की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और पीड़ितों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। दूसरी तरफ, अधिकारियों ने पुष्टि की कि 35 वर्षीय डॉक्टर नबी और उसके कथित सहयोगी डॉ मुजम्मिल शकील गनई ने 2022 में तुर्की का दौरा किया था, और 29 अक्टूबर को पीयूसी प्रमाण पत्र के लिए सेक्टर 27 फरीदाबाद में एक पेट्रोल पंप पर रुकने वाली हुंडई आई20 कार में नबी के साथ आए दो व्यक्ति कथित तौर पर कश्मीर स्थित प्लंबर आमिर राशिद मीर और सोनू थे, जो सेकेंड-हैंड कार डीलरशिप पर काम करते थे, जहां से मीर ने आई20 खरीदी थी।
