CCSU के प्रोफेसर ने बनाई अपराधियों का झूठ पकड़ने की डिवाइस

SANJIV-SHARMA

मेरठ, संवाददाता : प्रोफेसर का दावा है कि सिनैप्स की जगह लगने वाली डिवाइस पर जापान,अमेरिका, समेत कई देश के वैज्ञानिक जुटे हैं, वहीं उन्होंने भी शोध शुरू किया था। शोध में सिनैप्स की जगह लगने वाली ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ बना लिया है।

प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने बनाई है डिवाइस

चौधरी चरण सिंह विवि में फिजिक्स के प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने एक ऐसी डिवाइस बनाया है जो अपराधियों का झूठ पकड़ लेगी। यह ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ दरवाजे पर लगाई गई है, कोई भी व्यक्ति गलत मंशा से अंदर प्रवेश करेगा तो उसे पता चल जाएगा। उनका दावा है कि डिवाइस की मदद से पुलिस कुछ सेकंड में सच का पता कर लेगी। इसे वर्ल्ड फेमस एल्सेवियर के मटेरियल्स टुडे जर्नल ने प्रकाशन किया है, जो अनुसंधान पर ठोस लेख प्रकाशन करता है।

प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि वह दुर्घटना अथवा उम्र की वजह से याददाश्त खोने वाले, लकवे की वजह से अंगों के कार्य नहीं करने वाले रोगियों के लिए डिवाइस पर रिसर्च चल रहा हैं। मनुष्य के मस्तिष्क की प्रणाली सर्वाधिक जटिल है क्योंकि इसमें 100 अरब न्यूरॉन काम करते हैं। न्यूरॉन के द्वारा कुछ ही पल में संदेश सिनैप्स (तंत्रिका तंत्र में एक संरचना) में पहुंचता हैं, जहां से इंसान आभास होने पर क्रिया-प्रतिक्रिया करता है। दुर्घटना, उम्र के कारण से याददाश्त खोने अथवा लकवाग्रस्त रोगियों का सिनैप्स तक न्यूरॉन संदेश नहीं पहुंचता है, इसलिए सिनैप्स की जगह ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ लगाने पर शोध चल रहा है।

अमेरिका, जापान समेत कई देश के वैज्ञानिक शोध में जुटे

प्रोफेसर का दावा है कि सिनैप्स की जगह लगने वाली डिवाइस पर अमेरिका, जापान समेत कई देश के वैज्ञानिक जुटे हैं, वहीं उन्होंने भी शोध शुरू किया था। शोध में सिनैप्स की जगह लगने वाली ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ बना ली गई है। यह डिवाइस जैसे ही किसी इंसान के शरीर में लगाई जाती है, वैसे ही उसके अंदर होने वाले केमिकल बदलाव का संदेश मिलने लगता है। डिवाइस लगाने के बाद मन-मस्तिष्क में आने वाले सकारात्मक-नकारात्मक, झूठ-सच, गुस्सा-प्यार, सोच-विचार और चिंतन आदि के संदेश मिलते हैं।

प्रो. संजीव ने बताया कि यह शोध विश्व के वैज्ञानिकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है। उन्होंने दावा किया है कि मटेरियल्स टुडे जर्नल में 24.2 इंपैक्ट फैक्टर मिले हैं।

नहीं करनी पड़ेगी नार्कों व पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत
प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ नामक उपकरण जैसे ही किसी इंसान के संपर्क में आती है, वैसे ही उसके अंदर होने वाले केमिकल चेंज को पढ़ना शुरू कर देती है। यह भी संकेत देती है कि उसके मन में किस तरह के विचार आ रहे है। इससे अब पुलिस को किसी भी अपराधी से सच जानने के लिए थर्ड डिग्री, नार्कों व पॉलीग्राफ टेस्ट की आवश्यकता नहीं

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