नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : सवार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग के साथ मंगलवार से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। माता रानी के दरबार सज गए हैं। भोर से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ पहुंचने लगेगी। मंदिरों व घरों में घट स्थापना के बाद लौंग का जोड़ा, कपूर से माता का पूजन कर भक्त आशीष प्राप्त करेंगे। 9 दिनों तक देवी मां के मंदिरों में देवी जागरण के साथ घंटे-घड़ियाल बजेंगे।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य अनिता पाराशर ने बताया कि 9 अप्रैल को घट स्थापना का समय सुबह 6:02 बजे से लेकर 10:16 बजे तक है। इसके अलावा 11: 57 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। इन दोनों मुहूर्त में घट स्थापना कर सकते हैं।
घट स्थापना विधि
सबसे पहले प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की सजावट करें और चौकी रखें। कलश में जल भरकर रखें। कलश को कलावा से लपेट दें। कलश के ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखें।इसके बाद नारियल को लाल कपड़े से लपेट कर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा का आवाहन करें और शास्त्रों में बताई विधि के अनुसार मां दुर्गा की पूजा प्रारंभ करें। नवरात्र के नौ दिन बहुत ही पावन माने जाते हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं।