प्रयागराज,संवाददाता : कन्नौज जिले के विषुनगढ थाना छेत्र में लगभग 10 साल पहले एक महिला की तालाब में डूबने से मौत हो गई। मैनपूरी निवासी भाई ने दहेज हत्या का मुकदमा लिखवाया और एफआईआर में कहा कि एसिड डालकर मेरी बहन को मारकर तालाब के पतेल के झुंड के नीचे छिपा दिया जबकि पोस्टमार्टम में महिला की मौत का कारण तालाब में डूबने से हुई है, उसको मृत्यु पूर्व कोई चोट नही आई।ट्रायल कोर्ट ने पति मुकेश,सास विद्यावती,नंद नीरज को 10-10 साल की सजा सुना दिया था। पति पिछले 9 साल 10 महीने से लगातार जेल में बन्द है।
सजा के बाद सास और नंद की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने हाइकोर्ट में सजा के विरुद्ध अपील फ़ाइल की ।याची को ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पर माननीय न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर के समक्ष बहस में बताया कि सास और नंद ट्रायल के दौरान जमानत पर थी,सजा के बाद 8 महीने से जेल में बन्द है ।घटना के समय ये गाँव मे मौजूद नही थी ।मेडिकल में मृत्यु का कारण तालाब में डुबना बताया गया ।मृतका के शादी के 4 साल के बाद भी बच्चे नही हो रहे थे इसलिए वह तनाव में रहती थी।
गाँव के किसी व्यक्ति का बयान नही कराया गया जबकि मैनपुरी के रहने वाले परिवार के लोगो के बयान के आधार और परिस्थिजनक साक्षय के आधार पर सजा सुनाई गई है। दहेज में 50 हजार अतिरिक्त दहेज व आल्टो कार मांगने आरोप गलत है अभियोजन पक्ष आरोप साबित नही कर सका।जिस पर हाइकोर्ट ने अपील एडमिट करते हुए सास और नंद की जमानत मंजूर कर ली।