अलीगढ़, संवाददाता : वन विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 41.88 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन पिछले वर्ष लगाए गए 45.98 लाख में से अधिकतर पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए। जिम्मेदार लोग पौधे रोपकर भूल गए, जिम्मेदार लोग दोबारा पलटकर भी नहीं देखा कि पौधे जिंदा हैं या मर गए ।
पौधरोपण के लिए सरकारी विभागों को लक्ष्य भी आवंटित कर दिया गया है। जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लक्ष्य हासिल कर अफसर अपनी पीठ थपथपा सकें। मगर हकीकत यह है कि यह अभियान सिर्फ पौधे लगाओ और भूल जाओ की तर्ज पर चल रहा है। वन विभाग के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है कि पिछले साल रोपे गए पौधों में से कितने जीवित हैं या कितने सूख चुके हैं।
दस वर्षो में रोपे 2.19 करोड़ पौधे
बीते 10 वर्षो में वन विभाग ने जिले में 2.19 करोड़ पौधे लगाए हैं। इतने पौधे लगाने के बाद भी वन क्षेत्र और हरियाली का प्रतिशत सिर्फ 1.83 पर ही अटका है। अलीगढ़ मंडल के एटा में 1.28 व हाथरस जिले में 1.25 प्रतिशत हरियाली है।
केस – एक
पिछले वर्ष नगर निगम ने असदपुर क्यामपुर में 8500 एवं धौर्रा के पास अलीनगर में करीब 2000 पौधे रोपे थे। वन विभाग ने छेरत में 10,000 पौधे लगाए थे। इनमें शीशम, अर्जुन, जामुन, सहजन, अमरूद, बबूल, नीम के पौधे शामिल थे। देखरेख न होने के कारण अधिकतर पौधे सूख गए।
केस- दो
वन विभाग ने रामघाट रोड व नौरंगाबाद पुल से एटा चुंगी तक डिवाइडर के बीच में करीब 10,000 पौधे लगाए थे। इनमें से केवल 400-450 पौधे ही बचे हैं, बाकी सूख गए हैं। तस्वीर महल से जिला उद्यान कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय व कलेक्ट्रेट के सामने डिवाइडर के बीच में लगे अधिकतर पौधे सुख गए हैं।