कानपुर, संवाददाता : दिवाली ने व्यापारियों की झोली रुपयों से भर दी। सोमवार को भी अलग-अलग बाजारों में जमकर धनवर्षा हुई। धनतेरस से शुरू हुई खरीदारी दिवाली के दिन भी जारी रही। करीब सात सौ करोड़ के कारोबार का अनुमान है। वहीं, तीन दिन में करीब 3,500 करोड़ रुपये का कारोबार मिला है। पिछले साल 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार मिला था।
वहीं, देररात तक मिठाई की दुकानें सबसे ज्यादा गुलजार रहीं। फल-फूल की बंपर बिक्री हुई। पटाखा के बाजारों में ग्राहक पटाखा खरीदने के लिए उमड़े थे। पटाखाें का करीब 70 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ। किदवईनगर, जूही हमीरपुर रोड, नौबस्ता, आर्यनगर, स्वरूपनगर, पीरोड, सीसामऊ, गुमटी नंबर पांच, लाल बंगला, गोविंदनगर-चावला मार्केट, विद्यार्थी मार्केट में सुबह दुकानें खुलने के साथ ग्राहक पहुंचने लगे थे। लोगों ने खील-खिलौना, लइया-गट्टा, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के अलावा सजावटी सामान खरीदा। मिट्टी के दीये, मिठाई, फल, फूल खरीदने के लिए बाजारों में देरशाम तक रौनक रही।
कानपुर होटल, गेस्ट हाउस, स्वीट्स एंड नमकीन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखबीर सिंह मलिक और महामंत्री राज कुमार भगतानी ने बताया कि मिठाई, ड्राईफ्रूट, चॉकलेट पैक, नमकीन की बंपर बिक्री हुई है। मोतीचूर के लड्डू से लेकर हर प्रकार की मिठाई की मांग देखी गई। दिवाली वाले दिन बड़े पैमाने पर मिठाइयों की बिक्री हुई। बीते तीन दिनों में मिठाई की करीब 1000 करोड़ से ज्यादा की बिक्री हुई है।
कानपुर महानगर बुलियन एंड सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने बताया
वहीं, कानपुर महानगर बुलियन एंड सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने बताया कि सोना-चांदी के भाव तेज रहे। इसके बाद भी सराफा बाजार में बहुत अच्छी रौनक देखने को मिली है। धनतेरस से लेकर दिवाली वाले दिन तक अच्छी बिक्री रही। अब सहालग शुरू होने वाली ऐसे में आगे भी बाजार और अच्छा चलने की उम्मीद है।
संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष नीतू सिंह ने बताया कि सेब, केला, शरीफा, संतरा आदि फलों की अच्छी बिक्री हुई। वहीं जूही गाेशाला, छावनी, मालरोड आदि की फूल मंडियाें में अलग-अलग फूलों की जमकर बिक्री हुई। करीब 10 करोड़ के फूल बिक गए। कमल के फूल की सबसे ज्यादा मांग रही। हालांकि फूलों को बहुत महंगा बेचा गया।
गुलाब की फूल 600-800 रुपये किलो बिका
गुलाब की फूल 600-800 रुपये किलो बिका। गेंदा का फूल 200-300 रुपये किलो तक बेचा गया। एक कमल का फूल प्रति पीस 30-50 रुपये में बिक्री की गई। इसी तरह, 30-40 मीटर लंबी गेंदा का लड़ी 50-60 रुपये में बेची गई। गन्ना का पीस 20-25, कैथा 10 रुपये प्रति पीस, कमल गट्टा की माला 50-100 रुपये, दूर्वा 10 रुपये प्रति गुच्छा बेचा गया।
70 करोड़ से ज्यादा के बिके पटाखे
दिवाली पर पटाखा बाजार भी ग्राहकों से गुलजार रहा। बिठूर में सजे थोक पटाखा बाजार और फुटकर बाजारों में ग्राहकों ने जमकर खरीदारी की। सुबह से ही लोग बच्चों के साथ अलग-अलग स्थानों पर सजे पटाखा बाजार में खरीदारी के लिए पहुंच गए थे। 60, 120, 240 शॉट वाले पटाखों के अलावा, जानेमन, अनार, फुलझड़ी समेत हर प्रकार के पटाखों की बिक्री हुई। आसमान में दगने वाले पटाखों की मांग ज्यादा देखी गई। ग्रीन पटाखा बाजार में बिके। सुतली, बुलेट बम की भी जमकर बिक्री हुई। बच्चों ने बंदूकें भी खरीदीं। बिठूर में सजे थोक पटाखा बाजार में ग्राहकों की भीड़ उमड़ी रही। देरशाम तक ग्राहक खरीदारी करते रहे। पर्व के दिन पटाखा भी महंगा बेचा गया।
