वाशिंगटन, रायटर : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के पीछे ईरानी साजिश की ओर शक की सुई घूम रही है। सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि अमेरिका को हाल के सप्ताह में खुफिया सूचना मिली थी कि ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची है।
ईरानी खतरे के कारण ही अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने हमले से पहले ही ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी थी। सीएनएन का दावा है कि अमेरिका को यह खुफिया सूचना एक मानव स्त्रोत से मिली थी। साथ ही स्पष्ट किया कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि ट्रंप पर हमला करने वाले 20 वर्षीय संदिग्ध का इस साजिश से कोई संबंध था।
सीएनएन के रिपोर्टर ने एक्स पर पोस्ट में इस संबंध में एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी का हवाला दिया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि खतरे के बारे में पता चलने पर बाइडन प्रशासन ने सीक्रेट सर्विस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें इससे अवगत करा दिया गया था।
एजेंसी ने ट्रंप की सुरक्षा बड़ाई
यह जानकारी ट्रंप की सुरक्षा टीम और उनके अभियान के प्रमुख एजेंट के साथ साझा की गई। इसके बाद एजेंसी ने ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी थी। सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथनी ने भी कहा कि एजेंसी ने विगत ही में पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा बढ़ाई थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने कहा, ‘हम पिछले कई वर्षों से ट्रंप प्रशासन के पूर्व अधिकारियों के विरुद्ध ईरानी खतरों पर नजर रख रहे हैं। ईरान के सैन्य अधिकारी कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की धमकी चलते यह खतरा रहा हैं।’ ट्रंप ने 2020 में सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था।
वाटसन ने कहा, ”फिलहाल जांच में शूटर के साथ किसी भी साजिशकर्ता (विदेशी या घरेलू) के संबंधों का पता नहीं चला है।” उधर, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा कि ट्रंप के विरुद्ध साजिश का आरोप बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण है। ट्रंप अपराधी हैं जिन पर ईरानी जनरल की हत्या का मुकदमा चलाकर दंडित किया जाना चाहि।
भवन को सुरक्षा परिधि से बाहर रखना सुरक्षा चूक थी
डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने वाले हमलावर ने जिस छत से गोली चलाई उसे यूएस सीक्रेट सर्विस ने अपनी सुरक्षा परिधि के बाहर घोषित किया था। सीक्रेट सर्विस के दो पूर्व अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसी को यह घातक चूक नहीं करनी चाहिए थी।बटलर काउंटी के शेरिफ माइकल स्लूप ने एक साक्षात्कार में कहा कि पेनसिल्वेनिया के जो दो स्थानीय पुलिस अधिकारी छत की जांच करने गए थे तो वे अकेले थे।