कानपुर; संवाददाता : दिल्ली से वाराणसी के बीच शुरू हुई दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने के तीसरे दिन ही वेटिंग दिखने लगी है। इस ट्रेन ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस से ज्यादा जल्दी यात्रियों का भरोसा जीत लिया है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने के दो से तीन माह तक 20 से 30 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती थीं।
पहली वंदे भारत एक्सप्रेस देश की पहली वंदे भारत थी, जिसे ट्रेन-18 का नाम रखा गया था। अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीकी से लैस होने के कारण से इस ट्रेन को अपनाने में यात्रियों को समय लगा। हालांकि चार वर्ष में लोग वंदे भारत के इस कदर मुरीद हो गए कि दूसरी वंदे भारत को यात्रियों ने हाथों हाथ लपक लिया। वंदे भारत एक्सप्रेस के सुबह-शाम के शेड्यूल ने यात्रियों को आकर्षित किया है।