El Nino से गंगा के मैदानी क्षेत्रों में 10-15 दिनों में थम सकती है वर्षा की गति

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नई दिल्ली,न्यूज़ डेस्क : जून के अंतिम सप्ताह से देशभर में जारी लगातार भारी वर्षा की रफ्तार बहुत जल्द थमने वाली है। तीन महीने का औसत इंडेक्स बता रहा है कि प्रशांत महासागर में अलनीनो के सक्रिय हो जाने का खतरा 98 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

बीच-बीच में कभी- कभी होती रहेगी वर्षा

मौसम विज्ञानियों का मानना है कि भारतीय प्रायद्वीप में मानसूनी वर्षा के पैटर्न पर अगले 10 से 15 दिनों में ही इसका असर दिखने लगेगा। देश के उत्तर-पूर्व, मध्य एवं तटीय भागों में वर्षा में कमी आ सकती है। यह स्थिति पूरे अगस्त और सितंबर के पहले पखवाड़े तक जारी रहेगी।

स्पष्ट है कि इससे खरीफ की फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि पूरी तरह सूखे की स्थिति नहीं रहेगी। मौसम विज्ञानियों को पहले से ही 2023 को अलनीनो प्रभावित होने का अंदेशा था। आईएमडी ने सामान्य वर्षा का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन अलनीनो के खतरे से कभी इनकार नहीं किया था।

इन प्रदेशो में औसत से कम होगी वर्षा
निजी एजेंसी स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का कहना है कि प्रशांत महासागर में अलनीनो की स्थितियां बनने लगी हैं। कई मॉडल 90 प्रतिशत से भी ज्यादा की आशंका दिखा रहे हैं। 15 जुलाई तक अच्छी वर्षा के संकेत हैं, लेकिन इसके बाद से असर दिखने लगेगा। गंगा के मैदानी क्षेत्र में प्रभाव दिखेगा। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा समेत कुछ राज्यों में वर्षा की औसत मात्रा थोड़ी कम हो जाएगी।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, जुलाई के पहले पखवाड़े में अच्छी वर्षा के चलते पूरे महीने नदी-नाले एवं तालाबों में पानी की कमी नहीं रहेगी। तबतक बुआई हो चुकी होगी। फसल एक बार लग जाने के बाद अगर बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी वर्षा होती रहेगी तो असर ज्यादा नहीं पड़ेगा, लेकिन पठारी एवं ऊपरी इलाकों की फसलों को पानी की आवश्यकता पड़ सकती है।

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