राज्य ब्यूरो, रांची : लोकसभा चुनाव से पहले धर्म आधारित ध्रुवीकरण की राजनीति तेज हो गई है। गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने इस बीच एक चौंकाने वाला बयान दिया है। गोड्डा में मंगलवार को फुरकान अंसारी ने कहा कि पहले हमलोग यादव थे, सामंती ताकतों के कारण मुस्लिम धर्म अपनाने को मजबूर हुए। इसके पीछे सामंती लोगों का अत्याचार अहम कारण रहा।
यादव थे हमारे पूर्वज
फुरकान अंसारी ने कहा कि सामंती ताकतों ने इतने अत्याचार और जुल्म किए कि हमारे दादा-परदादा धर्म बदलने को मजबूर हो गए। फुरकान अंसारी ने आगे कहा कि मुसलमानों में मंडरिया जाति है। वह वास्तव में मंडल सरनेम लिखने वाले लोग रहे हैं। मतातंरण के बाद वे लोग मंडल से मंडरिया मुसलमान बन गए। उस समय बहुत सारे यादव, महतो और मंडल धर्मांतरण कर मुस्लिम बन गए।
फुरकान अंसारी ने दावा किया कि इसके पीछे कोई जोर जबर्दस्ती या तलवार की ताकत का काम नहीं था, बल्कि सामंती लोगों का डर था। फुरकान अंसारी ने दावा किया कि पहले गरीबों और छोटी जातियों के लोगों को मंदिर जाने से रोका जाता था। आज भी स्वतंत्र भारत की कुछ ऐसी ही तस्वीर है। हाल यह है कि अनुसूचित जाति के एक राष्ट्रपति के मंदिर में प्रवेश करने के बाद पांच टैंकर गंगाजल से धुलवाया गया था। माेदी सरकार में भी कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है।
औरंगजेब की थ्योरी गलत
फुरकान अंसारी ने औरंगजेब को जबरन धर्मांतरण करानेवाला राजा करार देने की थ्योरी को सरासर गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के इलाके में 1886 के आसपास लोगों का धर्मांतरण कराया गया था। किसी के दबाव में नहीं बल्कि मोहब्बत में बदलाव हुआ था। धर्मांतरण हमेशा दिल से होता है। देश में कुछ लोग जानबूझकर औरंगजेब को बदनाम करने के लिए ऐसी बातें करते हैं।