कानपुर ,संवाददाता : शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा के आगमन की सवारी हाथी का शुभ संकेत है कि कि शारदीय नवरात्र लोगों के लिए सुख, समृद्धि, धन और धान्य प्रदान करने वाली है। शहर के प्रमुख देवी मंदिर बारादेवी, तपेश्वरी देवी, जंगली देवी और काली मठिया में शृंगार व विशेष प्रकाश की व्यवस्था की गई है। सोमवार को घर-घर कलश स्थापना के साथ मां की पूजा-अर्चना होगी। सुबह से ही मंदिरों में मंगला आरती के बाद पट खोल दिए जाएंगे।
बारादेवी मंदिर में खास इंतजाम
बारादेवी मंदिर परिसर के सामने गड्ढों को सही कर दिया गया है। यहां पर मंदिर प्रबंधन और पुलिस ने अलग-अलग सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के पट सुबह चार बजे से खोले जाएंगे। दर्शन का क्रम रात 12 बजे तक चलता रहेगा।
तपेश्वरी मंदिर में सुबह चार बजे से करें दर्शन
बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी मंदिर में भक्तों की सुविधा के लिए महिला और पुरुषों की अलग-अलग पंक्तियां बनाई गई हैं। यहां नवरात्र में मेला लगता है। यहां भोर चार बजे से दर्शन शुरू होंगे। भक्त रात 12 बजे तक मां के दर्शन कर सकेंगे।
काली मठिया में विशेष प्रकाश व्यवस्था
किदवईनगर स्थित जंगली देवी मंदिर और गोविंदनगर के दुर्गा मंदिर में भोर चार बजे से दर्शन के लिए पट खोले जाएंगे। शास्त्रीनगर स्थित काली मठिया मंदिर में विशेष प्रकाश व्यवस्था की गई है। यहां भी भोर चार बजे से मंदिर के पट दर्शनों के लिए खोले जाएंगे।
कलश स्थापना का विधि-विधान
ज्योतिषाचार्य दीपक पांडेय ने बताया कि पूजा का शुभारंभ कलश की स्थापना से करें। अष्टदल कमल बनाकर उसके ऊपर अक्षत छोड़कर कलश रखें। इसके बाद गणेश, गौरी और वरुण देवता का पूजन करें। यज्ञोपवीत पहनाकर, तिलक, अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य, फल और तांबूल अर्पित करने के बाद जगत जननी मां की आरती करें। इस बार नवरात्र नाै की जगह 10 दिन तक मनाए जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तिथि वृद्धि अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह सुख-समृद्धि और सौभाग्य का सूचक है।
वहीं ज्योतिष सेवा संस्थान के संस्थापक व अध्यक्ष आचार्य पवन तिवारी के अनुसार 22 सितंबर को शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें। इस दिन हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
श्रेष्ठ मुहूर्त : सुबह 06:19 से 07:49 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक