नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में भारत का पहली फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की है। इस नए विश्वविद्यालय का उद्देश्य वनों, वनस्पति, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीवों और पारिस्थितिकी से जुड़े अध्ययन और शोध को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही देश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को नई दिशा भी मिलेगी।
500 करोड़ लागत आने का अनुमान
इस यूनिवर्सिटी को बनाने में लगभग 500 करोड़ की लागत आंकी गयी है। इस विश्वविद्यालय को 125 एकड़ में तैयार किया जायेगा। विश्वविद्यालय के लिए जमीन गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में चुनी गई है। इसमें आधुनिक शिक्षण भवन, शोध प्रयोगशालाएं, छात्रावास और अन्य जरूरी सुविधाएं होंगी। अन्य विश्वविद्यालयों से अलग यह संस्थान कक्षा शिक्षण के साथ-साथ फील्ड-आधारित प्रशिक्षण और वास्तविक जंगल-पर्यावरण में शोध पर जोर देगा। इससे छात्र सीधे प्रकृति के संपर्क में रहकर बारीकी सीख सकेंगे।
फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर और पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई
विश्वविद्यालय में छात्र फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर, पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव संरक्षण और पारिस्थितिकी जैसे विषयों में अध्ययन और शोध कर पाएंगे। यहां स्नातक, परास्नातक और शोध स्तर के कोर्स उपलब्ध होंगे। यह विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा। इससे पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से जुड़े क्षेत्रों में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार होंगे, जो भविष्य में नीति निर्माण, शोध और संरक्षण कार्यों में योगदान देंगे।
