Railway : गोरखपुर से वाराणसी और पटना तक दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

VANDE-BHARAT

गोरखपुर, संवाददाता : गोरखपुर से वाराणसी और पटना रेलमार्ग पर भी जल्द ‘वंदे भारत’ चलेगी। रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर से मऊ तक फुल स्पीड में सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन चलाकर लोगों की आस बढ़ा दी है। भले ही रेलवे प्रशासन का कहना है कि सात मार्च को गोरखपुर से मऊ के बीच वंदे भारत की मेंटिनेंस टेस्टिंग की गई थी। लेकिन लोग इस टेस्टिंग को वाराणसी मंडल के इन रेलमार्गों पर भी नई वंदे भारत ट्रेन संचालन को जोड़कर देख रहे हैं।

रेल मंत्री गोरखपुर से पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा कर चुके हैं

गोरखपुर और बेतिया दौरे पर आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी गोरखपुर से पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा कर चुके हैं। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन भी गोरखपुर सहित प्रमुख स्टेशनों से सात वंदे भारत और दो अमृत भारत सहित 17 नई ट्रेनों को संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। रेलवे प्रशासन ने रखरखाव, मरम्मत व सफाई-धुलाई के लिए रेलवे सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र के पीछे वंदे भारत के डिपो निर्माण का भी प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही इसपर भी मुहर लग जाएगी।

जानकारों के अनुसार, गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के बीच स्लीपर वंदे भारत के अलावा वाराणसी के रास्ते प्रयागराज सहित कुल सात वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। आने वाले दिनों में मुख्यालय गोरखपुर सहित लगभग सभी प्रमुख रूटों पर अब वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जाएगी।

डिपो का निर्माण हो गया तो इस वर्ष से ही प्रस्तावित वंदे भारत का संचालन शुरू हो जाएगा। सात जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन से पहली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। जो गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ-प्रयागराज के बीच चल रही है। रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए पूरी तरह वातानुकूलित (एसी), शयनयान (स्लीपर) और साधारण (जनरल) कोच की अलग-अलग वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है।

200 स्लीपर वंदे भारत हो रही तैयार

संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी गुलाबी रंग की स्लीपर वंदे भारत जल्द चलने लगेगी। रेलवे के अफसरों का कहना है कि 26 हजार करोड़ से हवाई जहाज जैसी सुविधा वाली 200 स्लीपर वंदे भारत तैयार की जा रही हैं।

इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्ष में वंदे भारत के और 3200 कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इन कोचों से वर्ष 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी। यह सभी कोच इंटीग्रल कोच फैक्टी (आइसीएफ) चेन्नई, रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला और माडर्न कोच फैक्ट्री राय बरेली में बनाए जा रहे हैं।

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