सीतापुर, संवाददाता : मुस्लिम परिवार की बेटी गुलफ्शा बानो ने प्यार की खातिर धर्म परिवर्तन कर लिया। गुलफ्शा अब रोशनी पाल के नाम से जानी जाएंगी। गुलफ्शा बानो ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार की उपस्थित में बदायूं निवासी प्रेमी सूरज से विवाह कर लिया।
कक्षा सात तक पढ़ीं गुलफ्शा ने कहा कि वह सीतापुर के तालगांव क्षेत्र के गांव शेखवापुर की निवासी हैं। बदायूं के कतगांव निवासी सूरज से पहली मुलाकात चार वर्ष पहले हरियाणा के पानीपत जिले में हुई थी। सूरज एक फैक्टरी में सिलाई का कार्य करते थे।
इसी फैक्टरी में गुलफ्शा झाड़ू-पोंछा लगाती थीं। वह गरीब परिवार की है। घर में अम्मी-अब्बू के अलावा चार और बहनें हैं। साथ कार्य करने के दौरान गुलफ्शा और सूरज में पहले दोस्ती हुई और बाद में वह एकदूसरे से प्यार करने लगे।
घरवालों ने किया था हत्या का प्रयास
गुलफ्शा ने सूरज से शादी का जिक्र किया तो घरवाले नाराज हो गए। गुलफ्शा के अनुसार अम्मी ने उसको छत से धक्का देकर जान से मारने की प्रयास किया । पिता ने कहा कि सूरजपाल से बात करना बंद न किया तो उसकी हत्या कर कहीं फेंक देंगे।
गुलफ्शा ने बालिग बताकर अपनी मन मर्जी से विवाह करने की बात कही और घर से चली आई। दोनों ने बरेली आकर विवाह कर लिया। सूरज के परिजनों के अलावा विवाह में हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हुए। गुलफ्शा ने कहा कि वह सूरज से शादी करके बेहद खुश है।