लखनऊ, डॉ.जितेद्र बाजपेयी : हनुमान सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष तिलक दुबे ने प्रेस वार्ता मे बताया की पूजनीय श्री तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगद्गुरू स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी ने अपने जन्म अमृत महोत्सव को श्री अयोध्या जी में मनाने के साथ ही अयोध्या जी में अष्टोतर सहस्त्र (1008 कुण्डीय) हनुमन महायज्ञ तथा श्रीराम सन्देश यात्रा सम्पूर्ण भारत वर्ष में निकालने का हम भक्तों का अनुरोध स्वीकार किया है। हमें प्रतीत होता है कि इन सभी के पीछे मूल कारण भगवान श्रीराम लला के अपने भव्य मन्दिर में विराजमान होने का गुरूवर के हृदय में अभूतपूर्व सुखद आनंद ही है।
तिलक दुबे ने की रथयात्रा की परिकल्पना
इस रथयात्रा की परिकल्पना हमारे अध्यक्ष आदरणीय श्री तिलक दुबे की थी, एवं श्री पूजनीय गुरू ने रथयात्रा की जिम्मेवारी वहन करने योग्य हनुमान सेना को समझा। यह हमारा सौभाग्य एवं गुरूवर का हम पर असीम स्नेह है। हनुमान सेना इस रथयात्रा के समय मिलने वाले 75 तीर्थों एंव धार्मिक स्थलों से रज व जल एकत्र कर इस शुभ अवसर पर श्री गुरूवर का अभिषेक करने का संकल्प लेती है।
इस रथयात्रा के समय हनुमान सेना जन-जन से एक चुटकी चावल भगवान श्री रामलला के चरणों में समर्पित करने के लिए स्वीकार करेगी साथ ही साथ अष्टोतर सहस्त्र हनुमन महायज्ञ में भी जन-जन की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम कोई भी हवन सामग्री/सहयोग स्वीकार करेगी। रथयात्रा के प्रारंभ में एक हनुमान जी को समर्पित भजन तथा मध्य में एक सनातन धर्म को समर्पित गीत का लोकापर्ण भी हनुमान
सेना करने जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक जनमानस की आस्थाओं एवं भावनाओं को इस अभूतपूर्व तथा दुलर्भ सुखद संयोग के साथ जोड़ा जा सके।
आप सभी के सहयोग के बिना यह कार्य करना भागीरथी प्रयन्त ही होगा। हनुमान
सेना यात्रा के अंत में आप सभी को इस पुनीत कार्य में जुड़े लोगों की संख्या से अवगत कराएगी, हम सभी आपके सहयोग के लिए अग्रिम धन्यवाद देते हैं।
हनुमान सेना भी समस्त भारतवासियों से इस यात्रा में सहयोग के लिए करबद्ध निवेदन करती है। साथ ही साथ व्यक्ति या समूह जो श्री राम जी के आदर्शों से अपरिचित हैं या नहीं मानते है उनसे भी करबद्ध निवेदन करती है कि हमारे इस पुनीत कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न करे, क्योंकि श्रीराम जी का चरित्र कभी भी विवाद नहीं एक सुविचार है।