गोरखपुर,संवाददाता : आईजी जोन जे.रविंद्र ने कहा कि महिला सिपाहियों को भी बीट पुलिस अधिकारी बनाने का आदेश दिया गया है। अब तक इनके पास कोई निर्धारित काम नहीं है। इस वजह से चाहकर भी यह काम नहीं कर पाती हैं। अब इनके पास जिम्मेदारी होगी तो यह अपना काम करेंगी।
महिला सिपाही का समय से थाने आना और फिर शाम को घर चले जाने का रुटीन अब बदल जाएगा। इनसे भी पुरुषों की तरह ही काम लिया जाएगा। मगर, सहूलियत के साथ। आईजी जे.रविंद्र ने आदेश दिया है कि हर शहरी थाने में 20 फीसदी और देहात में दस फीसदी बीट की जिम्मेदारी महिला सिपाही को दिया जाए। चरित्र सत्यापन, प्रार्थनापत्र जांच, पासपोर्ट सत्यापन जैसे कामों को भी करेंगी। मकसद है कि प्रोन्नति होने पर जब वह दरोगा या निरीक्षक बनें तब तक पुलिस केकार्यो को सीख चुकी हों। गोरखपुर में आदेश के बाद कार्य शुरू भी हो चुका है।
महिला पुलिसकर्मियों को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग
जानकारी के मुताबिक, हरेक जिले में महिला सिपाहियों की तैनाती है। कई ऐसे थाने भी है, जिसमें 50 से अधिक सिपाही मौजूद हैं, लेकिन उसके पास कोई निर्धारित काम नहीं है। ऑफिस में तैनाती के समय तो काम तय हैं, लेकिन थाने पर तैनात महिला सिपाहियों के पास कोई काम नहीं है। पिछले दिनों आईजी ने महराजगंज का दौरा किया तो पता चला कि एक थाने में करीब 39 सिपाही हैं, लेकिन वह सिर्फ आती हैं और जाती हैं। उनके जिम्मे कोई काम नहीं दिया गया है।
इसके बाद ही आईजी ने आदेश जारी कर सभी महिला सिपाही को बीट प्रभारी बनाने का निर्देश दिया है। इसी तरह महिला दरोगा से भी कार्य लिया जाएगा। आईजी ने यह भी कहा है कि शहरी क्षेत्रो में ही बीट दिया जाए। देहात के थानों में बीट देने के दौरान इस बात का ख्याल भी रखा जाए कि उसी गांव की जिम्मेदारी सौंपी जाए जो थाने से अधिकतर पांच किलोमीटर के दायरे में हो।
जबकि , महिला और पुरुष सिपाही की पदोन्नति की प्रक्रिया एक ही होती है और अब शासन से भी निर्धारित है कि जितनी भी भर्ती होगी, उसमें 20 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, इस वजह से आने वाले दिनों में इनकी संख्या फोर्स में बढ़नी है, जिसे देखते हुए इनसे भी कार्य लेने का निर्णय लिया गया है।
इस जिले में हैं इतनी महिला सिपाही
गोरखपुर में 602
कुशीनगर में 317
देवरिया में 396
महराजगंज में 240
आईजी जोन जे.रविंद्र ने कहा कि महिला सिपाहियों को भी बीट पुलिस अधिकारी बनाने का आदेश दिया गया है। अब तक इनके पास कोई निर्धारित काम नहीं है। इस वजह से चाहकर भी यह काम नहीं कर पाती हैं। अब इनके पास जिम्मेदारी होगी तो यह अपना काम करेंगी। इनके काम की समीक्षा भी की जाएगी। अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा तो शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी
जाएगी ।