कानपुर, संवाददाता : सीसामऊ थानाक्षेत्र की रहने वाली मनीषा यादव की गोली लगने से मौत के प्रकरण में पुलिस ने साक्ष्य मिटाने और जांच को गुमराह करने के मामले में पति संजय यादव और केस के वादी व मृतका के भाई विशाल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने कहा कि अब तक की जांच में पता चला है कि दो दिन पहले घर की सफाई करते समय झोला किशोरी ने दुछत्ती से नीचे फेंका था।
झोले में लोड तमंचा रखा था, इसलिए जैसे ही झोला जमीन पर गिरा, तमंचा अपने आप ही फायर हो गया और गोली मनीषा के पेट में जा धंसी। मनीषा को उनके भाई विशाल यादव और परिवार वाले लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे जहां सरिया से चोट लगने की बात बताई। इलाज के दौरान मनीषा की मृत्यु हो गई तो डॉक्टरों ने पुलिस को गोली लगने से मौत की जानकारी दे दिया । इसी के बाद से परिजन पुलिस के रडार पर आ गए थे। डीसीपी सेंट्रल ने कहा कि विशाल और संजय के खिलाफ आर्म्स एक्ट, गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य मिटाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
बेंजाडीन टेस्ट ने खोला था फर्श से खून मिटाने का राज
पोस्टमार्टम में मनीषा के पेट में धंसी .315 बोर की गोली निकली थी। पुलिस ने घटनास्थल पर सफाई कर रही किशोरी के बयान दर्ज किए और मनीषा के भाई विशाल यादव की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया। जबकि पुलिस ने जब फोरेंसिक टीम के साथ छानबीन की तो बेंजाडीन टेस्ट में घर के फर्श से मिटाए गए खून के निशान मिल गए। तमंचे के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि विशाल को तमंचा उसके मामा हीरू ने दिया था, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।