नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : सैयारा यानी तारों के बीच भटकता एक सितारा, जो अपनी चमक से दूसरों की जिंदगियों को रोशन करता है। नवोदित कलाकार अहान पांडे और अनीत पड्डा अभिनीत फिल्म सैयारा ने सौ करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई कर बड़े फिल्मकारों को चौंका दिया। इसकी सफलता के कारणों की पड़ताल प्रियंका सिंह ने की है।
क्यों हो रही है सैयारा की बंपर कमाई
सैयारा प्रदर्शित होने के बाद से ही सिनेमाघरों से ऐसे वीडियो आ रहे हैं, जहां कोई आइवी ड्रिप लगाकर फिल्म देखने पहुंचा तो कोई फूट-फूटकर रोया। फिल्म की लहर का ही प्रभाव है कि अजय देवगन की फिल्म सन आफ सरदार 2 के प्रदर्शन की तारीख एक सप्ताह आगे बढ़ा दी गई।
फिल्म को पहले दिन 22 करोड़ की ओपनिंग मिली। वीकेंड के बाद आमतौर पर सोमवार को फिल्म की कमाई में कमी दिखती हैं, वहीं सैयारा ने सोमवार को भी 24.25 करोड़ रुपये कमा लिए। इस फिल्म को राजस्थान में डिस्ट्रीब्यूट करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर राज बसंल कहते हैं कि यशराज फिल्म्स की रणनीति थी कि फिल्म को लेकर उम्मीदें नहीं बढ़ानी हैं।
नई स्टारकास्ट है तो धीरे-धीरे व्यापार बढ़ेगा। हमें सिनेमाघर मालिकों से झगड़ना पड़ता है कि ज्यादा शो दो, लेकिन इस बार एडवांस बुकिंग देखते ही, सिनेमाघर वालों ने कहा शो बढ़ाने हैं। इसका कारण था फिल्म का संगीत। दूसरा कारण निर्देशक मोहित सूरी हैं, जो प्रेम कहानी बनाने में एक्सपर्ट हैं।
काम आई रणनीति: प्रदर्शन से पहले फिल्म की टीम प्रमोशन में जुटती है। यहां पारंपरिक प्रमोशन के नाम पर न फिल्म की टीम ने शहरों की धूल छानी, न इंटरव्यू दिए।
सोशल मीडिया पर सैयारा का हाइप
इंस्टाग्राम स्क्रोल करते वक्त सैयारा के गानों पर कभी रील नजर आ जाती थी तो कभी यह लिखकर आ जाता था कि 18 जुलाई (सैयारा की प्रदर्शन तिथि) को क्या कर रहे हो, सैयारा देखने चलें? फिल्म बिजनेस एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं कि पिछली सदी के सातवें-आठवें दशक में फिल्मों के पोस्टर लगते थे, रेडियो पर गाने आने लगते थे।
फिल्म के प्रदर्शन से पहले अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, जैसे सितारे तो इंटरव्यू भी नहीं देते थे। यशराज फिल्म्स उस दौर को जी चुका है। प्रमोशन के लिए केवल मोहित सामने आए और बिना किसी ड्रामेबाजी के फिल्म को लेकर बात की। कास्टिंग में ताजगी थी। पिछले कुछ साल से मसाला, कामेडी, एक्शन फिल्में बन रही हैं। सैयारा इस बीच ताजी हवा के झोंके की तरह आई है, इसलिए दर्शक आकर्षित हो रहे हैं।
सैयारा की तुलना आशिकी 2, राकस्टार जैसी फिल्मों से हो रही है। इसमें भी हीरो संगीत से जुड़ा है, गुस्सैल है, लेकिन सैयारा का अंत सुखद हैं। फिल्म के अंत में मोहित उम्मीद छोड़ जाते हैं कि प्यार कठिनाइयों को झेलकर भी जीतता है।