Mhow : जवाद सिद्दीकी के मकान पर कार्रवाई फिलहाल रुकी,कोर्ट ने दिया स्टे

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इंदौर, संवाददाता : अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के महू स्थित पैतृक मकान के ध्वस्तीकरण पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 15 दिन की अंतरिम रोक लगा दी है।

हाई कोर्ट ने कैंटोनमेंट बोर्ड से कहा है कि वह याचिकाकर्ता को कम से कम 15 दिन का नोटिस दे, सुनवाई करे और इसके बाद कोई निर्णय ले।

स्वयं को इस मकान में रहने वाला बताते हुए अब्दुल माजिद की ओर से दायर की गई है। उसकी ओर से कहा गया है कि यह मकान पहले जवाद सिद्दीकी के पिता ने उसे हिब्बा (उपहार) किया था।

इसके बाद में जवाद सिद्दीकी ने उसको हिब्बा कर दिया

इसके बाद में जवाद सिद्दीकी ने उसको हिब्बा कर दिया। वह लंबे समय से परिवार के साथ वहां रह रहा है। कैंटोनमेंट बोर्ड ने गत 19 नवंबर को याचिकाकर्ता को तीन दिन का नोटिस जारी कर मकान का अवैध हिस्सा ध्वस्त करने के लिए कहा है।

माजिद की ओर से याचिका में कैंटोनमेंट बोर्ड के नोटिस को चुनौती देते हुए कहा गया है कि नोटिस पूरी तरह से आधारहीन है, क्योंकि इस नोटिस में यह स्पष्ट नहीं है कि भवन का कौन-सा हिस्सा अवैध है और किस तरह का अवैध निर्माण है।

याचिका में अब्दुल माजिद की ओर से कहा गया है कि कैंटोनमेंट बोर्ड ने वर्ष 1996-97 में भी इस मकान के संबंध में नोटिस जारी किया था।

कैंटोनमेंट बोर्ड ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि वर्ष 1996-97 में दिए गए नोटिस का क्या हुआ। लगभग 30 साल तक कैंटोनमेंट बोर्ड ने इस मकान के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की और अब तीन दिन में मकान तोड़ने की बात कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने तर्क सुनने के बाद फिलहाल तो नोटिस के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने बोर्ड से कहा है कि वह नए सिरे से याचिकाकर्ता को 15 दिन का नोटिस देकर सुनवाई करे, सुनवाई के आधार पर ही कोई कार्रवाई की जाए। 

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