UP : जंगली जानवरों के हमले में हुई मौत पर मिलेगा 10 लाख का मुआवजा

UP-NEWS

लखनऊ, संवाददाता : उत्तर प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले में मनुष्यो की मृत्यु हो जाने पर मुआवजा राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाएगी। घायल होने और पालतू जानवरों के मर जाने पर भी मुआवजा की राशि बढाई जाएगी । इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वन विभाग से प्रस्ताव मांगा है। नई दरें शीघ्र ही लागू होने की उम्मीद है।

पिछले 10 वर्षो से यूपी में मानव-वन्यजीव संघर्ष में इंसानों की मृत्यु या घायल होने और पालतू जानवरों के मरने पर मिलने वाली मुआवजा राशि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। अभी तक मनुष्य -वन्यजीव संघर्ष में किसी व्यक्ति के मर जाने पर आश्रितों को 5 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। जबकि, कर्नाटक में 15 लाख,महाराष्ट्र में 25 लाख, तेलंगाना व केरल में 10-10 लाख, मध्य प्रदेश में 8 लाख, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड में 6-6 लाख रुपये दिया जाता है। अब यूपी के वन विभाग ने भी मुआवजा राशि में वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। प्रस्ताव में पूर्ण रूप से अपंग होने पर मुआवजा राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वहीं व्यक्ति को हल्की चोट लगने व घायल होने पर पहली बार 10 हजार रुपये का मुआवजा राशि प्रस्तावित किया गया है।

गाय-भैंस के मारे जाने पर मुआवजा 20 हजार किए जाने की प्रस्ताव

प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले में गाय, बैल और भैंस के मारे जाने पर सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की तैयारी है। दो-तीन वर्ष के बछड़ा-बछिया और पड़वा-पड़िया के मारे जाने पर सहायता राशि 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किए जाने का प्रस्ताव है। गधा के मारे जाने पर सहायता राशि 5 हजार से बढ़ाकर 7 हजार और बकरी या भेड़ के मारे जाने पर 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 4 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। कच्चे मकान के क्षतिग्रस्त किए जाने पर दो हजार रुपये और झोपड़ी के क्षतिग्रस्त होने पर 5 हजार रुपये की वृद्धि प्रस्तावित किया है।

शेर और जंगली सुअर का हमला पहली बार होगा शामिल
अभी तक प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष के तहत तेंदुआ, भालू, जंगली बाघ,लकड़बग्घा, हाथी,भेड़िया, गैंडा, मगर और घड़ियाल के हमले में मृत्यु या घायल होने पर मुआवजा मिलता था। लेकिन, अब प्रस्तावित सूची में जंगली सुअर और शेर को भी शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश में खुले जंगलों में शेर नहीं हैं, तो इस सूची में उन्हें क्यों शामिल किया जा रहा है, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य आपदा मोचक निधि के तहत मिले निर्देशों के तहत प्रस्ताव में शेर को शामिल किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Useful And Successful Yoga Practices World’s Oldest Castles Duleep Trophy How India Is Doing C Success India D The Cutest Saree Outfits for Shweta Tiwari FIVE NATIONS HAVE NO RIVERS