नैनीताल, संवाददाता : कैंची धाम के प्रति वर्ष श्रद्धा का सैलाब बढ़ता ही जा रहा है। देश और दुनियाभर के लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने को लेकर बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, लेकिन जिस रफ्तार से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, उसके मुकाबले सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं।
इसका नतीजा यह है कि बाहर से आने वाले या स्थानीय लोग जाम में घंटों फंसे रहने के लिए मजबूर हैं। 15 जून को कैंची मेले की बात तो अब छोड़ दीजिए, मई शुरू होते ही भीमताल से भवाली के बीच सिस्टम कमजोर पड़ने लग गया है। सरकारी मशीनरी ने जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए आज तक कोई ऐसा विकल्प तैयार नहीं किया, जिससे इस मार्ग पर यातायात व्यवस्था सुगम रूप से चल सके।
ऐसे भी बचा जा सकता है जाम से
तराई-भाबर से आने वाले श्रद्धालु भीमताल व ज्योलीकोट होते हुए पूर्व की तरह ही आएं। प्रशासन चाहे तो हली-हरतपा-रामगढ़ वाली सड़क का चौड़ीकरण करा दे और कैंची से तराई को लौटने वाले श्रद्धालुओं को इसी रोड से वापस भेजे। यानि आने जाने के लिए अलग अलग रूट।
इस पर चल रहा कार्य
भवाली बाईपास योजना दो पार्ट में है। पहला सैनिटोरियम-नैनीबैंड-6 किमी। रोड कटिंग पूरी हो चुकी है। दूसरा सैनिटोरियम -रातीघाट। इसमें रोड कटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। पुलिया बन रही है। कब पूरा होगा अभी तय नहीं।
सरिता आर्या, विधायक नैनीताल मेरे सुझाव पर ही सीएम ने सैनिटोरियम-भवाली गांव-चोरसा होते हुए रातीघाट बाईपास की घोषणा की है। इससे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ से आने वाले यात्री बगैर कैंची धाम होते हुए सैनिटोरियम पहुंच जाएंगे। रामगढ़ में रिद्धी सिद्धी क्षेत्र से कटने वाली सड़क को चौड़ा कराने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है।
दीप चंद आर्य, कार्यवाहक मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग श्रद्धालुओं को जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए बाईपास बनाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इसमें अभी कुछ वक्त लगेगा। विभाग की ओर से दूसरे वैकल्पिक मार्ग बनाने पर विचार चल रहा है।