KBC : कर्नल सोफिया ने कहा-जिंदा आऊंगी या तिरंगे में लिपटी

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झांसी – संवाददाता : छोटे फोन में अपनी मां के लिए संदेश रिकॉर्ड किया। जिंदा आऊंगी या तिरंगे में लिपटी। मिशन सफल रहा। उन्होंने सीखा कि इंडियन आर्मी दुनिया में सबसे बेहतरीन है।

कौन बनेगा करोड़पति के 17वें सीजन में कर्नल सोफिया ने अपने यादगार किस्से सुनाते हुए पुरानी घटनाओं का जिक्र किया। उनकी बात सुनकर वहां बैठे दर्शक और अमिताभ बच्चन भावुक हो गए। एक पल के लिए हॉल में सन्नाटा छा गया। सभी आंखे नम हो गई। कुछ ऐसे किस्से भी सुनाएं कि जब ठहाका लगने लगे और तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।

कर्नल सोफिया के साथ भारतीय वायु सेना की विग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय नौसेना की कमांडर प्रेरणा देवस्थली ने केबीसी में बिग बी के सवालों के सटीक जवाब देते हुए 25 लाख रुपए जीते और इस धनराशि को डोनेट करने की बात कही।सोफिया ने बताया कि साल 2006 में वह संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत कॉन्गो में तैनात थीं।

अचानक हालात बिगड़ गए। गोलियां चलने लगीं। मिलिशिया कब्रिस्तान में छिप गए। महिलाओं सहित कई लोग फंसे थे। टीम बनाने का समय आया तो सबसे पहले भारतीय अधिकारियों का नाम लिया गया। कर्नल ने बताया उस दिन उन्हें एहसास हुआ कि शायद वह वापस न लौटें। उन्होंने छोटे फोन में अपनी मां के लिए संदेश रिकॉर्ड किया।

जिंदा आऊंगी या तिरंगे में लिपटी। मिशन सफल रहा। उन्होंने सीखा कि इंडियन आर्मी दुनिया में सबसे बेहतरीन है। इसको सुनकर बिग बी सहित तमाम बैठे दर्शक कुछ समय के लिए भावुक होने से अपने आपको रोक नहीं पाए। 

झांसी से है लगाव

कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिये पूरी दुनिया ने पाकिस्तान में आतंकी हरकतों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर का सच जाना। उनका जन्म न सिर्फ बुंदेलखंड में हुआ बल्कि दुश्मनों को मात देने का हुनर भी उन्होंने झांसी में सीखा। कर्नल सोफिया का झांसी के बबीना में प्रशिक्षण हुआ है। झांसी में बतौर मेजर पद पर तैनात रहीं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी के किस्से सुनकर वह बड़ी हुई।

झांसी का जिक्र करते हुए सोफिया ने कहा कि वो एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां हर कोई सेना में था। उनकी परदादी के पूर्वज रानी लक्ष्मीबाई के लिए लड़े थे। अपनी परवरिश के बारे में बात करते हुए सोफिया बोलीं मैंने कभी लोरियां नहीं सुनी, बल्कि बचपन से बहादुरी के किस्से सुने हैं। इन कहानियों ने मुझे साहस और देश प्रेम का सही मतलब सिखाया। उन्होंने बताया कि सेना में हर सैनिक को एक जैसी ही ट्रेनिंग मिलती है, चाहे वह अधिकारी हो या सिपाही और यही समानता सेना को मजबूत बनाती है।

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