नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क : पैनेशिया बायोटेक द्वारा किए गए एक व्यापक 90-दिवसीय राष्ट्रव्यापी पोस्ट-मार्केटिंग अवलोकन अध्ययन के परिणामों के अनुसार पैनेशिया फार्मा लिमिटेड के वैज्ञानिक ढंग से तैयार किए गए ओरल पोषण सप्लीमेंट (अनुपूरक)- चिलरन फुल ने बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, विशेषकर उनके लिए, जिनमें कुपोषण की संभावना अधिक है।
वैश्विक स्तर पर बच्चों में कुपोषण की समस्या, अभी भी तीन में से एक बच्चे को प्रभावित करती है, खासतौर पर भारत में, जहाँ पाँच वर्ष से कम आयु के 35% बच्चे अविकसित और 19% कमजोर (एनएफएचएस-5) हैं। भोजन और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण की मस्तिष्क का विकास तथा शारीरिक वृद्धि रूक जाती है।
डॉ. राजेश जैन, प्रबंध निदेशक, पैनेशिया बायोटेक फार्मा, कहते हैं, “पैनेशिया बायोटेक में हम विज्ञान प्रेरित तथा साक्ष्य आधारित नई खोजों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह अध्ययन बढ़ते हुए बच्चों में पोषण की कमी को पूरा करने के लिए, चिलरन फुल की महत्ता को बताता है, जिसका मतलब है कि प्रत्येक बच्चे को स्वस्थ, ऊर्जावान तथा मजबूत ढंग से विकसित होने का अवसर देना। पैनेशिया बायोटेक लोगों को भली-भाँति और लंबे समय तक जीवित रहने के लिए सक्षम बनाने के प्रति समर्पित है; हम चिलरन फुल को बाल्यकाल पोषण तथा कुपोषण के विरुद्ध युद्ध में एक परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में देखते हैं।”
जब वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने का प्रयास तेज़ी से किया जा रहा है, तब ऐसे में चिलरन फुल जैसे संपूर्ण पोषण उत्पाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं। मानकों का पालन करते हुए प्राप्त डेटा के अध्ययन और क्लीनिकल परिणामों के आधार पर, चिलरन फुल, बच्चों को स्वस्थ, ऊर्जावान और ताकतवर बनाने के लिए बेहतर पोषण उपलब्ध कराता है।
