नई दिल्ली , संवाददाता : महिला क्रिकेट अब अगली बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। महिला वनडे विश्व कप 2025 संस्करण के 50 दिन के काउंटडाउन के शुरू होने के साथ ही 2017 की गूंज अब भी उन खिलाड़ियों के लिए उतनी ही तेज थी जो 30 सितंबर से मैदान में उतरेंगी, उन लोगों के लिए जिन्होंने पिछले वर्षों में खेल से विदाई ली और उन दर्शकों के लिए जिन्होंने दुनिया भर में टीवी पर इसे देखा ।
दक्षिण अफ्रीका के फैंस को याद है कि वे पहली बार फाइनल में पहुंचने से कितने करीब थे। इंग्लैंड के लिए यह एक ऐसा टूर्नामेंट था जिसने नई राह खोली और हीदर नाइट जैसे को सामने लाया। वहीं, हरमनप्रीत ने अपनी पारी को याद करते हुए कहा कि वो पारी मेरे लिए और महिला क्रिकेट के लिए बहुत खास थी। उस पारी के बाद मेरी जिंदगी में और महिला क्रिकेट में भी बहुत बदलाव आए।
फाइनल को 12.6 करोड़ दर्शकों ने देखा
हरमनप्रीत ने जिस तरह मौजूदा विश्व चैंपियंस को ध्वस्त किया और फिर इंग्लैंड और भारत के बीच तीन दिन बाद फाइनल का रोमांच हुआ, जिसने भारत में महिला क्रिकेट की व्यूअरशिप के कई रिकार्ड तोड़े। पूरे टूर्नामेंट में भारत में दर्शकों के देखने के घंटों में 500त्न की वृद्धि हुई और सिर्फ फाइनल को ही 12.6 करोड़ लोगों ने देखा।
महिला क्रिकेट ने बनाई अपनी पहुंच
महिला क्रिकेट ने दूर-दराज तक अपनी पहुंच बनाई। वर्ल्ड कप देखने वाले 15.6 करोड़ भारतीय दर्शकों में से आठ करोड़ ग्रामीण इलाकों से थे। इससे न सिर्फ लड़कियों में क्रिकेट खेलने का रुझान बढ़ा, बल्कि महिला आइपीएल की मांग भी तेज हुई। आठ साल बाद नतीजे साफ हैं। महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) तीन साल पुरानी है और आइसीसी आने वाले वर्ल्ड कप को महिला क्रिकेट के अगले कदम के रूप में पेश कर रहा है।
2017 वर्ल्ड कप की तैयारी के दौरान ही इन सबकी नींव रखी गई थी। उस टूर्नामेंट में पहली बार महिला क्रिकेट में डीआरएस का इस्तेमाल हुआ। भले ही सभी मैचों में उपलब्ध न हो। इसी में आइसीसी ने इनामी राशि को दस गुना बढ़ाकर 20 लाख डालर (लगभग 17.53 करोड़ रुपये) किया, जो पुरुषों के खेल में समानता की ओर एक बड़ा कदम था। विजेता इंग्लैंड को 6,60,000 डालर (5.78 करोड़ रुपये) मिले, जो 2013 के पूरे इनामी पूल (2,00,000 डालर) से तीन गुना से ज्यादा था।