वाराणसी,संवाददाता : जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए 14 दिन से चक्कर काट रही महिला का धैर्य बुधवार को जवाब दे गया। महिला ने मुख्यमंत्री के नाम खून से चिट्ठी लिखी और न्याय की गुहार लगाई। मामला तूल पकड़ा तो शाम के समय जैतपुरा थाने के दरोगा जितेंद्र यादव ने महिला के घर जाकर दीवार पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-160 का नोटिस चस्पा किया। नोटिस में लिखा था कि छेड़खानी और मारपीट सहित अन्य आरोपों में आपका मुकदमा दर्ज है। आप अपना बयान दर्ज कराकर साक्ष्य उपलब्ध कराएं, ताकि विधिक कार्रवाई की जा सके।
महिला मदरसा में है शिक्षक
बुनकर कॉलोनी की रहने वाली महिला के अनुसार, वह वर्ष 2009 से जैतपुरा क्षेत्र के रसूलपुरा स्थित मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम में अस्थायी शिक्षिका के तौर पर पढ़ा रही हैं। मदरसे के प्रबंधक रिजवान अहमद ने स्थायी नियुक्ति का आश्वासन दिया था। बीते 14 जून को रिजवान के करीबी बेलाल अहमद उनके घर आकर कागजात तैयार करने के नाम पर दो लाख रुपये लिए। इसके बाद रिजवान ने कहा कि सरकारी अध्यापक बनने के लिए 15 लाख रुपये देने होंगे। 28 जून को रिजवान ने बेलाल से उन्हें मदरसे में बुलाया और कहा कि अपने 2 लाख रुपये ले लो।
मदरसे में जाने पर रिजवान अहमद एक कमरे में ले गया और बोले कि अगर 13 लाख रुपये नहीं दे सकती तो हमारे साथ शारीरिक संबंध बनाओ। मदरसे में स्थायी अध्यापक बनवा देंगे। महिला ने विरोध किया तो रिजवान ने उन्हें खींच कर धक्का देकर गिरा दिया। गर्भवती होने की वजह से उनके पेट में दर्द शुरू हो गया और उनकी हालत खराब हो गई। अस्पताल जाने पर पता लगा कि रिजवान के धक्के से उनका गर्भपात हो गया है। उधर, इस संबंध में जैतपुरा थानाध्यक्ष मथुरा राय ने कहा कि तहरीर के आधार पर बुधवार को दो आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है इसके साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।
वीडियो देखकर भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
महिला ने बताया कि रिजवान अहमद ने खुलेआम धमकी दी। यह वीडियो में कैद है। इसे देखने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। समझौता कराने का दबाव बनाया गया।