नई दिल्ली, एनएआई : फ्रांस भारत का एक अभिन्न रक्षा सहयोगी देश तो बन ही चुका है जो मोदी सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत यहां रक्षा उपकरणों व हथियारों का उत्पादन करने को तैयार है। लेकिन अब दोनों देश इस सहयोग का दायरा बढ़ाते हुए अन्य देशों के लिए हथियार व रक्षा सामग्री बनाना चाहते हैं।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक
इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच पेरिस में हुई द्विपक्षीय बैठक में बात हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं शुक्रवार को बैठक से पहले जारी बयान में यह जानकारी दी। दोनों नेताओं ने परंपरा से हटकर बैठक से पहले प्रेस के सामने बयान जारी किया। दोनों नेताओं ने रिश्तों को और प्रगाढ़ करने, खास तौर पर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया।
फ्रांस ने अपने देश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को लंबी अवधि का वीजा देने का प्रस्ताव किया है जिसका भारत ने स्वागत किया है। भारत में राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में भी फ्रांस भागीदार बनेगा। मोदी ने कहा, ‘रक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों का एक मूलभूत स्तंभ रहा है। यह दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास का प्रतीक है। मेक इन इंडिया व आत्मनिर्भर भारत में फ्रांस एक बड़ा साझीदार है।
आज हम रक्षा क्षेत्र में भारत में नई प्रौद्योगिकी के सह-उत्पादन व सह-विकास पर बात कर रहे हैं। पनडुब्बियों की बात हो या नौसेना के विमान की, हम चाहते हैं कि मिलकर सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि मित्र राष्ट्रों की जरूरतों पर काम करें।’ भारत ने फ्रांस से पनडुब्बियों के साथ ही अपनी नौसेना के लिए राफेल विमान खरीदने का निर्णय लिया है। यह पहला अवसर है जब इण्डिया व फ्रांस की तरफ से दूसरे देशों के लिए हथियार बनाने की बात सामने आई है। अभी तक रक्षा क्षेत्र में भारत का इस तरह का रिश्ता सिर्फ रूस के साथ रहा है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच रक्षा अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं हैं। फ्रांस की कंपनियों के साथ भारत में हेलीकाप्टर इंजन का निर्माण करने पर हम आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देश परमाणु ऊर्जा के लिए छोटे व अत्याधुनिक रिएक्टर बनाने में भी सहयोग करेंगे। मोदी ने एक नई जानकारी यह भी दी कि भारत और फ्रांस हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग करने को लेकर एक रोडमैप तैयार किया जा रहा हैं।
उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र की शांति व स्थिरता का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत व फ्रांस की विशेष जिम्मेदारी है। सनद रहे कि भारत और फ्रांस ने हाल ही में हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ मिलकर कई स्तरों पर सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की है। दोनों देशों ने इंडोनेशिया और फ्रांस के साथ अलग-अलग त्रिपक्षीय बैठकों की शुरुआत की है। इस क्षेत्र के लिए एक त्रिपक्षीय विकास फंड स्थापित करने की बात भी प्रधानमंत्री ने कही है। इससे पूरे क्षेत्र में स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
नरेंद्र मोदी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
फ्रांस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सबसे बड़ा नागरिक व सैन्य सम्मान ‘द ग्रैंड क्रास आफ द लीजन आफ आनर’ देकर सम्मानित किया है। पेरिस के एलीसी पैलेस में आयोजित निजी रात्रि भोज में राष्ट्रपति मैक्रों ने गुरुवार देर रात उन्होंने यह सम्मान प्रदान किया। मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान मिलने के लिए फ्रांस का भारतीय लोगो की तरफ से आभार व्यक्त किया।