Malegaon blast केस में आज आएगा निर्णय, साध्वी प्रज्ञा दोषी या निर्दोष ?

sadhvi-pragya

मुंबई, ब्यूरो : महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में हुए एक घातक विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष अदालत 17 साल बाद आखिरकार 31 जुलाई यानी आज अपना फैसला सुनाएगी।

नासिक जिले के इस मुस्लिम बहुल शहर में यह विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को हुआ था। वह नवरात्रि की पूर्व संध्या थी और रमजान का महीना था। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 अन्य घायल हुए थे।

इस मामले में सात लोग आरोपित
पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (सेवानिवृत्त) सहित सात लोग इस मामले में आरोपित हैं। यह राजनीतिक रूप से सर्वाधिक संवेदनशील मामलों में से एक रहा है, क्योंकि इसमें ‘हिंदू आतंकवाद’ और ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों का पहली बार प्रयोग किया गया।

19 अप्रैल को सुरक्षित रखा था आदेश
अदालत ने 19 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। शुरुआत में सातों आरोपियों को फैसले के लिए 8 मई को पेश होने का निर्देश दिया गया था लेकिन बाद में फैसला 31 जुलाई के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया गया।

हेमंत करकरे ने की थी इस मामले में जांच

इस केस की जांच का प्रारंभिक संचालन महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के विशेष महानिरीक्षक हेमंत करकरे कर रहे थे, जो बाद में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान शहीद हो गए थे। एटीएस ने इस मामले में 2009 में अपना आरोपपत्र दायर किया।

31 जुलाई को पेश होंगे सभी आरोपित
विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने सभी आरोपितों को 31 जुलाई को अदालत में पेश होने को कहा है। विशेष अदालत में आने वाले इस फैसले के कारण परिसर की अन्य अदालतों को उस दिन अन्य मामलों की सुनवाई स्थगित रखने या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करने को कहा गया है।

क्या है मामला ?
29 सितंबर 2008 को रमजान महीने के दौरान रात करीब 9.35 बजे हुए मालेगांव के भीखू चौक पर एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। इस घटना के अगले दिन से ही नवरात्र की शुरुआत होने वाली थी। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे। यह स्थान मुंबई से लगभग 291 किलोमीटर दूर है।

5 आरोपित हो चुके हैं बरी
मुकदमे का सामना करने वाले सात आरोपित हैं- साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (सेवानिवृत्त), मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी। इस मामले में कुल 12 आरोपित थे, जिनमें से पांच को पहले ही बरी किया जा चुका है। इन पांचों को विशेष एनआइए अदालत में मुकदमा शुरू होने से पहले ही बरी किया जा चुका है।

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World