नई दिल्ली, एजेंसी : पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर में बुरी तरह शिकस्त देने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब अलग-अलग रैलियों को पाकिस्तान को लगातार ललकार रहे हैं।
भारत के साथ लड़ाई में जीत के झूठे दावे कर रहे पाकिस्तान की पोल खोल रहे प्रधानमंत्री मोदी की यह ललकार उसे कतई नहीं सुहा रही है, लिहाजा अब वह भारत को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की दुहाई दे रहा है।
मोदी बोले- अभी कुछ किया ही नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि की विषयवस्तु पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, ‘अगर आप 1960 की सिंधु जल संधि का अध्ययन करेंगे, तो आप चौंक जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय किया गया था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी.. 60 सालो तक इन गेटों को कभी नहीं खोला गया। जिन जलाशयों को पूरा भरा जाना चाहिए था, अब उन्हें घटाकर केवल दो या तीन प्रतिशत कर दिया गया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संधि को अभी तक स्थगित रखा गया है। अभी तो मैंने कुछ किया ही नहीं है और वहां (पाकिस्तान) लोगों का पसीना निकल रहा है।’ मोदी के बयान को अप्रत्याशित बताते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी करके भारत से अपनी ऐतिहासिक संशोधनवाद की परियोजना से दूर रहने का आग्रह किया।
उसने सिंधु जल संधि के प्रति भारत के दृष्टिकोण को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया और भारत व पाकिस्तान के क्षेत्रीय आचरण एवं वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित किया। विदेश कार्यालय ने कहा, ‘पाकिस्तान भारत से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के मूल सिद्धांतों पर लौटने का आग्रह करता है जिसमें दूसरों के संप्रभु अधिकारों एवं उसके संधि दायित्वों के सम्मान के अलावा भाषा व आचरण दोनों में संयम शामिल हैं।’