माले (मालदीव), एजेंसी : मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को औपचारिक रूप से भारत सरकार से उनके देश से अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मालदीव के लोगों ने यह अनुरोध करने के लिए एक “मजबूत जनादेश” दिया है।
मालदीव के राष्ट्रपति ऑफिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुइज्जू का अनुरोध तब आया जब भारत के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने नए राष्ट्रपति से उनके कार्यालय में शिष्टाचार मुलाकात किया । मालदीव में भारतीय सैन्यकर्मियों की सही संख्या मालूम नहीं है। इंजीनियर से नेता बने 45 वर्षीय मुइज्जू ने शुक्रवार को हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपसमूह राष्ट्र के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया ।
मुइज्जू ने सितंबर में सोलिह को किया था पराजित
भारत की ‘पड़ोसी पहले नीति’ को रेखांकित करते हुए रिजिजू ने मुइज्जू के उद्घाटन समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया। मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चीन के साथ नजदीकी संबंध बनाये थे। मुइज्जू ने सितंबर में हुए चुनाव में अपने पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हरा दिया था जो भारत समर्थक थे।
शपथ ग्रहण समारोह मेंसम्मिलित हुए रिजिजू
मुइज्जू ने शुक्रवार को मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया था। पड़ोसी प्रथम नीति के तहत भारत की ओर से किरण रिजिजू ने इस समारोह में शिरकत की थी। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और पड़ोसी प्रथम नीति के दृष्टिकोण में एक विशेष महत्व रखता है।
रिजिजू ने मालदीव के हुलहुमाले में 4,000 आवास इकाइयों की परियोजना का भी दौरा किया। जिसमें एक इन्फ्रा-कंस्ट्रक्शन कंपनी और निजी भारतीय कंपनी ने सभी के लिए किफायती और समावेशी आवास प्रदान करने के लिए मालदीव सरकार के साथ साझेदारी की है।