ढाका, एजेंसी : बांग्लादेश में नए सेवा कानून को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार को ढाका में सचिवालय के मुख्य द्वार पर कुछ समय के लिए ताला जड़ दिया। इस कानून में कदाचार के आरोपित अधिकारियों को आसानी से बर्खास्त करने का प्रविधान है।
सचिवालय के अधिकारियो और कर्मचारीयो ने लोक सेवा अधिनियम संशोधन के खिलाफ विरोध के तीसरे दिन मुख्य द्वार को दोपहर करीब 12:30 बजे बंद कर दिया। इसे आधे घंटे बाद खोल दिया गया। कर्मचारियों के काम बंद रखने के कारण परिसर में गतिविधियां काफी हद तक ठप रहीं। सरकारी कर्मचारियों ने अध्यादेश रद होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने की धमकी दी है।
संविधान संशोधनों में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा का यूनुस ने किया वादा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को बोले है कि किसी भी संविधान संशोधन में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। मोहम्मद यूनुस ने बोलै कि अल्पसंख्यक समुदाय को बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के समान अधिकार होगा ।
उन्होंने देश के हर नागरिक की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जताई। यूनुस ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआइआरएफ) के अध्यक्ष स्टीफन श्नेक के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी किया । गौरतलब है कि बांग्लादेश ने पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के तख्तापलट के बाद हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले होते रहे हैं।
यूनुस के इस्तीफे का सवाल कोरी अफवाह : वीना सीकरी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें सेना प्रमुख के चुनाव कराने के बयान देने के बाद से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया कदम है। इस्तीफे का सवाल पूरी तरह से नाटक है। युनुस इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं था और वास्तव में, उन्होंने खुद कभी नहीं कहा कि वह इस्तीफा देंगे।
बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने रविवार को यह दावा किया। वीना सीकरी बोली कि 21 मई को बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने अन्य सेना अधिकारियों के साथ चर्चा की थी। इस दौरान 2025 के अंत में चुनाव कराने पर जोर दिया था। यूनुस का बयान सिर्फ नाटक है।