Himichal : नवंबर में सिरमौर, शिमला समेत सात जिलों में नहीं हुई बारिश

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हिमाचल ,संवाददाता : weather news : सूखे की सबसे गंभीर स्थिति निचले और मध्य हिमालयी क्षेत्रों में रही, जहां सामान्यतया नवंबर में बादल छाए रहते हैं और हल्की बारिश हो जाती है। पूरे हिमाचल में सिर्फ किन्नौर जिला ऐसा रहा, जहां हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। हालांकि, यह बारिश इतनी कम थी कि इससे न जमीन में नमी आई और न तापमान में खास बदलाव हुआ।

नवंबर में शुष्क मौसम से प्रदेश में दिन और रात के तापमान में असामान्य गिरावट आई है। दिन का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक कम रहा। रातें बर्फीली ठंड जैसी महसूस हुईं। सूखी ठंड से पर्वतीय क्षेत्रों में लोग परेशान है। खासकर लाहौल के कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे आने से नदी-नालों व झरनों का पानी जमने लगा है।

इस हफ्ते मिल सकती है राहत

मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर की शुरुआत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। चार और पांच दिसंबर को प्रदेश में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। यदि बारिश समय पर होती है तो रबी सीजन को कुछ राहत मिल सकती है। उधर, रविवार को सुबह-शाम मंडी, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ क्षेत्रों में कोहरा छाया रहा। सोमवार और मंगलवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

कृषि निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह जसरोटिया का कहना है कि मौसम के शुष्क होने और नमी की कमी के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में गेहूं की बिजाई प्रभावित हो रही है। अब तक 75 फीसदी बुवाई ही की जा सकी। बारिश नहीं हुई तो गेहूं के उगने की समस्या खड़ी होगी। बागवान संजीव चौहान ने कहा है कि अगर मौसम लंबे समय तक शुष्क रहा तो इससे सेब के पेड़ों की चिलिंग जरूरतें पूरी नहीं होंगी।

मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में सामान्य तौर पर हिमाचल के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश होती रही है, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल विपरीत रहे। नवंबर में चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में न के बराबर बारिश हुई है। सिरमौर में माइनस 100 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। यहां पूरे महीने एक भी बूंद नहीं बरसी है। 

हिमाचल प्रदेश में बरसात में भारी बारिश के बाद अब सूखे जैसे हालात हो गए

हिमाचल प्रदेश में बरसात में भारी बारिश के बाद अब सूखे जैसे हालात हो गए हैं। नवंबर महीना इस बार पूरी तरह सूखा बीत गया है। राज्य के सात जिलों में पूरे महीने न के बराबर बारिश हुई है। इससे रबी फसलों की बुआई प्रभावित हो गई है। बागवानी पर भी इसका असर पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में सामान्य तौर पर हिमाचल के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश होती रही है, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल विपरीत रहे। नवंबर में चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में न के बराबर बारिश हुई है। सिरमौर में माइनस 100 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।

यहां पूरे महीने एक भी बूंद नहीं बरसी है। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला में 99 फीसदी कम बारिश हुई है। नवंबर के दौरान प्रदेशभर में सामान्य से 95 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई। इस अवधि में 19.7 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस साल सिर्फ एक मिलीमीटर बारिश ही हुई।

सूखे की सबसे गंभीर स्थिति निचले और मध्य हिमालयी क्षेत्रों में रही, जहां सामान्यतया नवंबर में बादल छाए रहते हैं और हल्की बारिश हो जाती है। पूरे हिमाचल में सिर्फ किन्नौर जिला ऐसा रहा, जहां हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। हालांकि, यह बारिश इतनी कम थी कि इससे न जमीन में नमी आई और न तापमान में खास बदलाव हुआ।

रात के तापमान में असामान्य गिरावट आई

नवंबर में शुष्क मौसम से प्रदेश में दिन और रात के तापमान में असामान्य गिरावट आई है। दिन का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक कम रहा। रातें बर्फीली ठंड जैसी महसूस हुईं। सूखी ठंड से पर्वतीय क्षेत्रों में लोग परेशान है। खासकर लाहौल के कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे आने से नदी-नालों व झरनों का पानी जमने लगा है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लगातार साफ आसमान और उत्तरी हवाएं नमी को पूरी तरह खत्म कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा असर कृषि क्षेत्र में देखने को मिला है। किसानों के अनुसार गेहूं की करीब 60 फीसदी बिजाई अब तक नहीं हो पाई है। खेतों में नमी न होने के कारण वे बुआई करने से बच रहे हैं। कई इलाकों में किसान गेहूं की जगह जौ, सरसों या चारे वाली फसलों की ओर रुख कर रहे हैं |

इस हफ्ते मिल सकती है राहत

मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर की शुरुआत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। चार और पांच दिसंबर को प्रदेश में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। यदि बारिश समय पर होती है तो रबी सीजन को कुछ राहत मिल सकती है। उधर, रविवार को सुबह-शाम मंडी, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ क्षेत्रों में कोहरा छाया रहा। सोमवार और मंगलवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर की शुरुआत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। चार और पांच दिसंबर को प्रदेश में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। यदि बारिश समय पर होती है तो रबी सीजन को कुछ राहत मिल सकती है। उधर, रविवार को सुबह-शाम मंडी, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ क्षेत्रों में कोहरा छाया रहा। सोमवार और मंगलवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है |

गेहूं की 75 फीसदी बुवाई ही की जा सकी, अन्य फसलों पर भी असर
कृषि निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह जसरोटिया का कहना है कि मौसम के शुष्क होने और नमी की कमी के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में गेहूं की बिजाई प्रभावित हो रही है। अब तक 75 फीसदी बुवाई ही की जा सकी। बारिश नहीं हुई तो गेहूं के उगने की समस्या खड़ी होगी। बागवान संजीव चौहान ने कहा है कि अगर मौसम लंबे समय तक शुष्क रहा तो इससे सेब के पेड़ों की चिलिंग जरूरतें पूरी नहीं होंगी।

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