नई दिल्ली, एनएआई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मिस्र पहुंच गए। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा कमाल मदबूली ने उनका काहिरा एयरपोर्ट पर जोरदार ढंग से स्वागत किया। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ मोदी की वार्ता आज होगी।
1997 के बाद किसी भारतीय पीएम की मिस्र की यह पहली राजकीय यात्रा है। पश्चिमी एशिया और अफ्रीका में अपने रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करने में जुटी भारत सरकार के लिए यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। जनवरी, 2023 में अल-सिसी जब भारत आए थे, तब दोनों देशों ने एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार घोषित किया था।
मिस्र के साथ सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिस्र में ‘इंडिया यूनिट’ के साथ पहली बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गयी । ‘इंडिया यूनिट’ मिस्र के शीर्ष मंत्रियों का एक समूह है, जिसके प्रमुख मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबूली हैं। मोदी ने समर्पित उच्चस्तरीय इंडिया यूनिट के गठन के लिए मिस्र का आभार व्यक्त किया और साथ ही सरकार के रुख की प्रशंसा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, व्यापार एवं निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल भुगतान मंच, दवा तथा लोगों के बीच संपर्क सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही पीएम मिस्र के सबसे बड़े मुफ्ती डा शाकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लम से भी मिले। वह प्रवासी भारतीयों और बोहरा समुदाय के लोगों से भी मिले।
आज अल-करीम मस्जिद जाएंगे मोदी
रविवार को पीएम का पहले अल-करीम मस्जिद जाने का कार्यक्रम है। फिर वह हेलियोपोलिस जाएंगे जहां प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए भारतीय सिपाहियों के स्मारक पर श्रद्धासुमन चढ़ाएंगे। इसके बाद उनकी राष्ट्रपति अल-सिसी के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी।
दोनों देशों के बीच कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किया जाना है। मिस्र स्वेज नहर के पास आर्थिक क्षेत्र बना रहा है। भारत ने वहां एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। उम्मीद है कि इस बारे में भी दोनों देशों के बीच सहमति बनेगी।
पीएम ने जताई उम्मीद, रिश्ते और मजबूत होंगे
काहिरा पहुंचने के बाद मोदी ने उम्मीद जताई कि भारत व मिस्र के रिश्ते और मजबूत होंगे। दोनों देशों की जनता को इससे फायदा होगा। मोदी की इस यात्रा के बाद सितंबर, 2023 में अल-सिसी के फिर से भारत आने की संभावना है।
भारत ने जी-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए मिस्र को विशेष मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया है। यह बताता है कि भारत मिस्र को कितना महत्व दे रहा है। मिस्र अभी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसे उम्मीद है कि भारत के साथ आर्थिक सहयोग से इस संकट से उबरने में मदद मिलेगी। मिस्र ने अभी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद मांगी है।