कांग्रेस की शामत,पीएम मोदी ने सियासत में ‘श्रीराम’ के बाद कराई ‘बजरंगबली’ की एंट्री

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नई दिल्ली, रिपब्लिक समाचार,प्रिया श्रीवास्तव : भारत धर्मों का देश है ..यहां हर धर्म की अपनी महत्ता है,लेकिन सनातन धर्म की परिभाषा यहां अलग हो जाती है..क्योंकि भारत का इतिहास हमेशा से सनातनियों से जुड़ा हुआ है। भारत जैसे देश में ‘राम’ केवल नाम नहीं बल्कि भावना हैं, जिसको आहत करने का अधिकार यहां के हिंदू किसी को नहीं दे सकते ..आपको शायद याद होगा वो वक्त जब इस देश में राम मंदिर का मुद्दा चरम पर था….और हिंदुत्व को चाहिए था एक ऐसा मोर्चा जो युवाओं में वो जोश भरे जो आग से भी ज्यादा तीव्र और विकराल हो। आरएसएस ने इस पर बहुत विचार किया और हित्दुंत्व का चेहरा उस दौरान माने जाने वाले विनय कटियार ने राम के नाम को आगे लेकर चलने वाले बजरंग दल का विचार दे दिया और 1984 में देश के सबसे कट्टर युवा हिदुंओ के लिए बना बजरंग दल ………..

बजरंग दल को हिंदूवादी नेताओं का मिला भरपूर सहयोग

अब इस देश में बजरंग दल का महत्व कितना है ये बताने की जरूरत नहीं है, और जब भारत में हिदुंत्व के नाम पर राजनीति की जा रही हो तो फिर बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है .. बजरंग दल का भारत में सदियों से हक रहा है और इसी के आधार पर वो आगे बढ़ता रहा और हिंदूवादी नेताओं को भी इस दल का भरपूर सहयोग मिला। एक तरह से बजरंग दल भारत का अभिन्न अंग बन गया …हालांकि कई ऐसे मौके भी आए जब इस दल पर कई वजह से आरोप भी लगे और कहा गया कि गैर हिंदूओं के प्रति बजंरग दल का बर्ताव सही नहीं है …खैर अगर आप भारत में रहते है तो इस दल के बारे में आपके भी अपने कुछ विचार जरूर होंगे, लेकिन आज ये एक फिर सुर्खियो में आया है तो उसकी वजह और भी खास है।

कांग्रेस ने घोषणापत्र में बजरंग दल प्रतिबंध लगाने का किया वादा

इस देश में जब भी चुनाव आते है तो आपने साथ आरोप प्रत्यारोप सहित कई ज्वलतं मुद्दे भी लेकर आते है। अब कर्नाटक चुनाव में कल से बजरंग दल का जो मुद्दा उठा है वो आसानी से खत्म नहीं होगा .. आपने अभी तक चुनावी घोषणा पत्रो में फ्री की योजनाएं, रोजगार,और भी कई मुद्दों पर वादों सुने होंगे ..लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस ने ऐसा घोषणा पत्र जारी किया है जिस पर कल से ही सभी हैरान है .. कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया…पार्टी के इस विजन डॉक्यूमेंट में कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद की यूथ विंग बजरंग दल और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है

और वजह साफ है कि काग्रेंस गैरहिंदुओं को इससे जरिए अपने पाले में लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन अफसोस कि कांग्रेस भूल गई कि कर्नाटक के चिक्कमगलुरु, हुबली-धारवाड़ क्षेत्र और आसपास के तटीय इलाकों में हिंदू भी भर भर कर हैं ….और कांग्रेस के इस एक कदम से भाजपा को वो ब्रह्मास्त्र मिल गया है जिसे छोड़कर वो कर्नाटक चुनाव की जंग को पल भर में जीत सकती है।

कांग्रेस ने पीएफआई और बजरंग दल को एक तराजू में तौला

भाजपा को तिल का पहाड़ को मुद्दे का सियासी भार अच्छे से समझ आता है और वो अब इस एक तिल को पहाड़ कैसे बनाती है,वो साफ हो जाएगा, बल्कि इसकी शुरूआत भी कल से ही पीएम मोदी ने कर दी है। कांग्रेस ने जो पीएफआई और बजरंग दल को एक तराजू में तौला है, उसका खामियाजा तो उसको उठाना ही होगा। जैसे ही कल कांग्रेस ने कर्नाटक में घोषणा पत्र जारी किया वैसे ही उसपर सवाल खड़े किए जाने लगे ..लेकिन असली ब्रह्मास्त्र तो पीएम मोदी ने कल चुनावी रैली में छोड़ दिया।

कल कर्नाटक में एक रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और बजरंग दल और बजरंगबली दोनों को एक ही पायदान पर खड़ा करके कांग्रेस पर वार करते हुए हिंदुओं का सीना छलनी कर दिया और ये संदेश दे दिया कि कैसे कांग्रेस बजरंग दल के सहारे सीधे हिदुत्व को खत्म करने की कोशिश कर रही है . कल कर्नाटक की रैली में पीएम मोदी बोले –

“कांग्रेस ने बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प ले रहे है।

बजरंगबली से कर्नाटक चुनाव में गर्माहट

खास बात ये थी कि पीएम मोदी ने बजरंगबली का नाम लिया .. जबकि कांग्रेस ने पीएफआई के साथ बजरंगदल पर प्रतिबंध लगाने की बात अपने मेनिफेस्टो में की थी….. काग्रेंस की शिकायत पीएम मोदी ने सीधे बजरंगबली तक पहुंचा दी,और करोड़ों हिदुंओं के मनों में बैठा दिया है कि काग्रेंस हिदुत्व को अपनी राह में रोढ़ा मानती है। हिंदू संगठन अब सड़को पर उतरने पर विचार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बजरंगबली का नाम लेकर हिंदुओ में वो आग पैदा कर दी है, जो कांग्रेस को कर्नाटक में भस्म करने के लिए काफी साबित हो सकती है। भाजपा को पता है कब किस मुद्दे को कहां और कैसे भुनाना है और यही करके चुनाव को जितना उसकी पुरानी कला है। फिलहाल अभी तो ये मुद्दा शुरू हुआ है और सियासत में गर्माहट आने लगी है ..जैसे जैसे ये आगे बढ़ेगा कांग्रेस की मुश्किले भी और बढ़ेंगी।

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