प्रयागराज, संवाददाता : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के करेलाबाग निवासी नंदलाल निषाद उर्फ नंदा व उनके गैंग के अन्य सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इंकार करने के बाद फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी व निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर शिकायतकर्ता अरुण कुशवाहा की ओर से याचिका दाखिल करने पर निर्देश जारी किया है। याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मा.न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी व मा. न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर को बहश में बताया की याची फोर सीज़न गेस्ट हाउस,करेला बाग का मालिक व व्यापारी है।
नंद लाल निषाद है अतीक गैंग का सदस्य
पूर्व सांसद अतीक गैंग का सदस्य नंद लाल निषाद उर्फ नंन्दा व 6 अन्य के द्वारा याची से रंगदारी मांगने पर दर्ज एफ आई आर के बाद अब मुकदमा वापस लेने की धमकी व अभियुक्त की बेटी ने प्रभाव में लेकर याची व उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फसा दिया है। जबकि नन्दा ने सरकारी नहर की जमीन आराजी संख्या 122 पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग कर जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैनामा करा लिया है।
जिसकी जांच रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को कार्यवाही हेतु भेजी गई है। मुख्य आरोपी का आपराधिक इतिहास है महिला शोषण, हत्या,हत्या के प्रयास व बालू खनन आदि के मामले में कई थानों में मुकदमा दर्ज है ।एफ आई आर में दर्ज 3 अभियुक्त जेल में है। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के 3 महीने बाद जब अभियुक्तों को कोई रास्ता नही मिला तो उन्होंने विवेचना अधिकारी को प्रभाव में ले लिया जिस पर अब फरार अभियुक्त नंन्दा, राहुल,दुर्गेश की गिरफ्तारी नही हो रही है ।
याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में न्यायालय में यह बताया है की आरोपियों ने मिलकर याची से रंगदारी मांगी है जिसके साक्षय व प्रमाडित है। नंदलाल निषाद व उनके गैंग के सदस्य शातिर अपराधी व कई मुकदमे दर्ज हैं। नंदलाल निषाद पूर्व पार्षद व काफी प्रभावशाली व्यक्ति है। याची के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी के प्रभाव से आने पर विवेचना अधिकारी ने जेल भेजे गए 2 आरोपियों को रिमांड पर लेकर रंगदारी की धारा हटाने हेतु दी गई प्रार्थना पत्र को निचली अदालत ने खारिज कर दिया।