व्लादिवोस्तोक, एजेंसी : रूस के व्लादिवोस्तोक से चेन्नई तक जहाज चलाने की तैयारी है। रूस ने वैकल्पिक समुद्री मार्ग विकसित करने को लेकर रुचि दिखाई है। रूस चेन्नई में व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने को लेकर भी उत्सुक है। रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को यह जानकारी दी गई।
सोनोवाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने के लिए व्लादिवोस्तोक में है।इस मौके पर सोनोवाल ने कहा, पूर्वी समुद्री गलियारे (ईएमसी) के संचालन से भारत और रूस के बीच व्यापार संबंधों के नए युग की शुरआत होगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रूस के सुदूर-पूर्व और भारत के बंदरगाह अधिकारियों, रूसी रेलवे, दोनों देशों की ‘लाजिस्टिक्स’ और पोत परिवहन कंपनियों के लिए चेन्नई में 30 अक्टूबर से एक नवंबर, 2023 तक पूर्वी समुद्री गलियारे पर कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव है। सोनोवाल ने सभी हितधारकों को इसके लिए आमंत्रित किया।
रूस पूर्वी समुद्री गलियारे से 16 दिन की बचत होगी
परिवहन समय अनुमान है कि पूर्वी समुद्री गलियारा भारतीय और रूसी बंदरगाहों के बीच वस्तुओं के परिवहन समय को 16 दिनों की बचत होगी । इस समय भारत में मुंबई और रूस में सेंट पीटर्सबर्ग के बीच जहाज को 8,675 समुद्री मील की दूरी तय करने में लगभग 35 से 40 दिन लगते हैं, जबकि ईएमसी पर लगभग 5,600 समुद्री मील की दूरी तय करनी पड़ेगी। एक बड़ा कंटेनर जहाज जो 20-25 नाट (37-46 किमी/घंटा) की गति से यात्रा करता है, इस दूरी को लगभग 10 से 12 दिनों में तय कर सकेगा।
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप कारिडोर से रूस को होगा बढ़ा फायदा :पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकानामिक कारिडोर (आइएमईसी) का समर्थन किया। पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में उन्होंने कहा कि इस परियोजना से रूस को लाभ होगा। टीएएसएस की रिपोर्ट के अनुसार बैठक के दौरान पुतिन ने कहा कि आइएमईसी उनके देश को लाजिस्टिक्स विकसित करने में मदद करेगा।
इस परियोजना पर कई वर्षों से चर्चा चल रही थी। गौरतलब है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, ईयू, फ्रांस, इटली, जर्मनी, फ्रांस ने आइएमईसी के लिए समझौते किए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का रूस के प्रति वाशिंगटन के रवैये पर नहीं पड़ेगा कोई असर
अमेरिका पर साधा निशाना अमेरिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को के साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह राजनीतिक उत्पीड़न है। अमेरिका दूसरों को लोकतंत्र के बारे में सिखाने का दिखावा नहीं कर सकता।
पुतिन का कहना है कि 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का रूस के प्रति वाशिंगटन के रवैये पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, अमेरिका का कोई मित्र नहीं है। वह अपने फायदे के लिए साझेदारों का इस्तेमाल करता है। रायटर के अनुसार उन्होंने संकेत दिया कि यूक्रेन युद्ध जल्द समाप्त होने वाला नहीं है।
कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा यूकेन को हथियार देकर मदद करने से युद्ध के नतीजे नहीं बदलेंगे। पश्चिमी देश रूस और चीन के बीच फूट डालने की कोशिशों में कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पहले रूस के खिलाफ लगाए गए कानूनी प्रतिबंध को रद करे और बताए कि वह क्या चाहता है। इसके बाद हम देखेंगे कि प्रस्ताव पर क्या करना है।
