गोरखपुर, संवाददाता : देवरिया में जमीन के विवाद में सामूहिक हत्याकांड के बाद भी समाधान दिवस में फरियादियों की सुनवाई का हाल पहले ही जैसा था। फरियादियों को सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया गया। हर बार की तरह प्रार्थना देकर राहत मिलने की उम्मीद लेकर फरियादी लौट गए।
अधिकारी और कर्मचारी अपनाते है टालू रवैया
गोरखपुर तहसील सभागार में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों की भीड़ में 99 साल के बुजुर्ग रामप्यारे भी थे। कांपती हाथों से पकड़ा गया प्रार्थना पत्र कर्मचारी को देते हुए बोले-हमारी भी पर्ची बना दीजिए। प्रार्थना पत्र पर मोहर लगने के बाद रामप्यारे अधिकारियों के पास पहुंचे। आवेदन देकर कहा-साहब! इस बार तो कार्रवाई कर दीजिए। मैं पांच साल से दौड़ रहा हूं, लेकिन तहसीलकर्मी ने उनका आवेदन लेकर आगे बढ़ा दिया। हाल से बाहर निकलने पर वह भावुक हो गए। बोले- बेटे ने जमीन हड़प ली, अब अपनी जमीन पाने के लिए अफसरों का चक्कर लगा रहा हूं।
देवरिया में जमीन के विवाद में सामूहिक हत्याकांड के बाद भी समाधान दिवस में फरियादियों की सुनवाई का हाल पहले ही जैसा था। फरियादियों को सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया गया। हर बार की तरह प्रार्थना देकर राहत मिलने की उम्मीद लेकर फरियादी लौट गए। शनिवार की दोपहर तहसील सभागार में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुमार सौरभ की अध्यक्षता में तहसील दिवस चल रहा था। हाकिमों से न्याय की आस लिए लोग पहुंचे।
फरियाद लेकर आने वाले लोगों के प्रार्थना पत्रों को लेकर उनको पर्ची दिया गया। इसके लिए एसडीएम कक्ष के बगल में काउंटर बनाया गया था। यहां मौजूद चार राजस्वकर्मी लोगों के प्रार्थना पत्र लेकर तहसील संपूर्ण समाधान दिवस की रसीद थमा रहे थे। सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक चले समाधान दिवस में दोपहर 01.25 बजे तक 57 मामले रजिस्टर में दर्ज हुए। इनमें अधिकांश मामले भूमि विवाद के हैं, जिनके निस्तारण के लिए लोग परेशान नजर आए।
बोले फरियादी
तहसील से लेकर एसएसपी कार्यालय तक को प्रार्थना पत्र दे चुका हूं। हमारी चार डिस्मिल जमीन पर बेटे ने कब्जा कर लिया है। वह खाली नहीं कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किस के पास जाऊं। अब दौड़-दौड़ कर थक गया हूं।- रामप्यारे, फरियादी
मेरे चक में पैमाइश का आदेश वर्ष 2010 में हुआ था। हम लोगों ने पत्थर लगाया तो दबंगों ने उखाड़ दिया। इस मामले में छह बार संपूर्ण समाधान दिवस पर प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। आज फिर आना पड़ा है।- नवमीनाथ, फरियादी
मेरी जमीन पर पड़ोसी का अतिक्रमण है। खाली करने की बात कहने पर लोग मारपीट करते हैं। कभी कूड़ा फेंकते हैं तो कभी गोबर डाल देते हैं। कई माह से हम आवेदन दे रहे हैं। अभी तक निस्तारण नहीं हो पाया है।- प्रियंका गुप्ता, फरियादी
पड़ोसियों से रास्ते का विवाद चल रहा है। हमने रास्ते के लिए चार फीट जमीन छोड़ी थी। इस पर सामने रहने वाले लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। थाना से लेकर तहसील तक दौड़ रहे हैं। ना जाने कब इंसाफ मिलेगा। – बाबूराम, फरियादी