कानपुर, संवाददाता : कानपुर में गंगा बैराज पर 28 अक्तूबर को हुए सड़क हादसे में दो किशोरों की मौत के प्रकरण में पुलिस की फर्जी कहानी के खुलासे के बाद एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस की जांच में पता चला कि बिचौलिए ने नाबालिग चालक को बचाने के लिए उच्च अधिकारियों के नाम पर और रुपये मांगे थे।
इस संबंध में वायस रिकॉर्डिंग पुलिस के हाथ लगी है। एडीसीपी इसे अपनी जांच में शामिल करेंगे। सड़क हादसे में रामपुर निवासी मेवालाल के बेटे सागर और उन्नाव गंगाघाट कनिकामऊ निवासी शिवचरन रावत के बेटे आशीष की कार की टक्कर से मौत हो गई थी।
नवाबगंज पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर चारों को थाने से जमानत पर छोड़ दिया था। बाद में इस प्रकरण में 15 लाख रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ। पीड़ित परिवारों ने रुपये न मिलने का आरोप लगाया। डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने जांच एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह को सौंपी।
आशीष के परिवार को 1.90 लाख रुपये ही दिए
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाबालिग चालक के डॉक्टर पिता से बिचौलियों ने डील की। पैसा उनसे लिया गया, मगर आशीष के परिवार को 1.90 लाख रुपये ही दिए। इसके बाद में और रुपयों की मांग उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने के नाम पर की गई। जबकि, डॉक्टर से पूछताछ में एक पुलिस अधिकारी के सामने 15 लाख देने की बात कबूली।
पीड़ित परिवार के आज दर्ज होंगे बयान
एडीसीपी सेंट्रल को शुक्रवार पीड़ित परिवार के घर जाकर उनके बयान दर्ज करने थे, लेकिन कारोबारी के बेटे की हत्या में साक्ष्य एकत्रित करने के चलते नहीं जा सकीं। शनिवार को वह पीड़ित परिवार से मिलकर उनके बयान दर्ज करेंगी।