कांगड़ा, संवाददाता : पिछले डेढ़ साल से युद्ध स्तर पर चले पठानकोट-मंडी फोरलेन का काम अब बरसात के बाद विधानसभा क्षेत्र शाहपुर में भी जोर पकड़ने लगा है। इस समय विधानसभा क्षेत्र शाहपुर में लगभग 90 फीसदी लोगों को जमीन, मकान और दुकानों के मुआवजे मिल चुके हैं। शाहपुर के घटनालू से लेकर रजोल तक अधिकतर मकानों और दुकानों को खाली करवाकर तोड़ दिया गया है।
सड़क किनारे पेड़ों को काटने का काम भी युद्धस्तर पर चला हुआ है। इसी के साथ लगातार दुकानों और मकानों को गिराया जा रहा है। शाहपुर में फोरलेन बनाने को लेकर इस समय सबसे बड़ी समस्या शाहपुर बाजार में आ रही है। शाहपुर बाजार बचाओ संघर्ष समिति की ओर से पिछले डेढ़ साल से शाहपुर बाजार को बचाने की मांग की जा रही है। समिति की ओर से बाजार बचाने को लेकर कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। लोगों का तर्क है कि सौ साल पुराने शाहपुर बाजार के उजड़ने से हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा। लोगों की मांग है कि शाहपुर बाजार को नहीं उजाड़ा जाए। यहां पर फ्लाईओवर या बाईपास होकर फोरलेन बनाया जाए।
इसी के साथ छतड़ी, द्रमन, शाहपुर, रैत, पुहाड़ा और राजोल बाजार को छोड़कर बाकी जगह पर फोरलेन के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। अनुमान है कि एक साल के भीतर यहां पर फोरलेन का काम पूरा कर लिया जाएगा। शाहपुर के एसडीएम करतार चंद ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र शाहपुर में फोरलेन निर्माण को लेकर भू अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। 90 फीसदी लोगों को दुकानों, मकान और जमीन के मुआवजे भी मिल चुके हैं। वहीं सात से आठ मामले कोर्ट में चल रहे हैं, जिनकी सुनवाई लगातार हो रही है। इसके अतिरिक्त शाहपुर बाजार बचाने को लेकर लोगों ने कोर्ट में केस किया है। इसकी सुनवाई भी लगातार चल रही है।