Trump : राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही ट्रंप 100 आदेशों पर करेंगे हस्ताक्षर

DONALD-TRUMP

वाशिंगटन, एजेंसी : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में सोमवार को पद संभालेंगे। पद संभालने के बाद ही वह एक्शन में नजर आने वाले हैं। व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के तुरंत बाद वह 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।

ओवल ऑफिस डेस्क पर ये उनका इंतजार कर रहे होंगे, जिसे उनकी टीम ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के लिए तैयार कर रखा है। सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। कार्यकारी आदेशों का मुख्य उद्देश्य चुनावी वादों को पूरा करना है।

5 मुद्दों पर आधारित होंगे आदेश

ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक स्टीफन मिलर ने बताया कि इसमें मुख्य रूप से पांच विषय शामिल होंगे। दक्षिणी सीमा को सील करना, सामूहिक निर्वासन, महिलाओं के खेल से ट्रांसजेंडर लोगों को रोकना, ऊर्जा अन्वेषण पर प्रतिबंध हटाना और सरकारी दक्षता में सुधार करना।

कार्यकारी आदेशों में उनके समर्थकों को माफ करने की उम्मीद है, जिन्हें चार साल पहले छह जनवरी को कैपिटल हिल हमले में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था।

बाइडन के आदेश पलट सकते हैं ट्रंप
ट्रंप की ओर से बाइडन के कुछ कार्यकारी आदेशों और कार्यों को वापस लेने की भी उम्मीद है। इनमें से प्रमुख हैं पेरिस जलवायु समझौता, जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर प्रतिबंध हटाना। बाइडन ने अपने पहले दिन नौ कार्यकारी आदेश जारी किए थे। इनमें से छह में ट्रंप के फैसलों को पलटना शामिल था।

अधिक अनुभव के साथ लौटेंगे ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार शपथ ग्रहण करेंगे। इस बार उनके पास पिछले कार्यकाल से अधिक का अनुभव है। वहीं टीम भी पिछले कार्यकाल से ज्यादा मजबूत हैं। कई टेक दिग्गजों को ट्रंप ने अपनी टीम में जगह दी है। इनमें एलन मस्क का नाम प्रमुख है।
उनकी पार्टी रिपब्लिकन दोनों सदनों पर मजबूत है। यही वजह है कि ट्रंप पहले दिन से ही आक्रामक फैसले लेने को तैयार हैं। 2017 में खुद ट्रंप कहते थे कि उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। मगर अब परिदृश्य बदल चुका है।


क्या होते हैं कार्यकारी आदेश?

एनबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह पहले दिन कार्यकारी कार्यों की रिकॉर्ड संख्या पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति द्वारा एकतरफा जारी आदेश है, जो कानून की तरह शक्ति रखता है। कानून के विपरीत कार्यकारी आदेशों को कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस उन्हें पलट नहीं सकती, लेकिन अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

वाशिंगटन डीसी में हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले उनकी नीतियों के खिलाफ विरोध करने के लिए हजारों लोग वाशिंगटन डीसी में एकत्र हुए। पीपुल्स मार्च के बैनर तले सखी फॉर साउथ एशियन सर्वाइवर्स समेत गैर-लाभकारी संस्थाओं के गठबंधन ने ट्रंप की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों के हाथों में ट्रंप विरोधी पोस्टर और बैनर थे। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और टेस्ला के मालिक एलन मस्क समेत उनके कुछ करीबी समर्थकों के खिलाफ नारे लगाए। इसी समूह ने जनवरी 2017 में भी विरोध प्रदर्शन किया था, जब ट्रंप पहली बार सत्ता में आए थे।

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