Kabul, NAI || Afghanistan News: अफगानिस्तान के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। तालिबानी अधिकारियों की मनमानी के चलते बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में लोगों ने देश में कार्य की कमी के चलते और बढ़ती बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के बारे में शिकायत किया है।
सहायता संगठनों से किया अपील-
लोग इतने परेशान हैं कि अब कोई भी कार्य मिले, वो करने को तैयार हैं। उन्होंने तालिबान और सहायता संगठनों से उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का आग्रह किया।
खाने के भी पड रहे लाले-
एक अफगानी नागरिक गुलाम हजरत काबुल में अपने परिवार के लिए कुछ भोजन ढूंढने में परेशान हैं। गुलाम हजरत बोले कि उनका पांच लोगों का परिवार है और उन्होंने ‘बेरोजगारी’ को एक बड़ी समस्या बताया है।
गुलाम हजरत ने कहा,
मैं अपने पांच लोगों के परिवार का मुखिया हूं, बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन गई है। कई आर्थिक समस्याएं हैं और मैं परिवार का अकेला कमाने वाला हूं, मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं सुबह से शाम तक आता हूं और काम करता हूं।
युवाओं को मिले कार्य-
काबुल निवासी अब्दुल गफ्फार ने कहा कि युवाओं को अफगानिस्तान में काम मिलना चाहिए। गफ्फार ने कहा कि हमारी इच्छा है कि देश में युवाओं के लिए कार्य उपलब्ध कराया जाए और देश के युवा गरीब लोगों को कार्य मिल सके।
दस परिवारों में से नौ परिवारों के पास भोजन तक नहीं
इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान में दस में से नौ परिवारों के पास भोजन तक नहीं है। अर्थशास्त्री अब्दुल नासिर रेश्तिया बोले कि अफगानिस्तान को विश्व के साथ अपनी राजनीतिक समस्याओं का समाधान हर हाल में करना चाहिए।
जबकि , तालिबान के नेतृत्व वाले अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने कहा कि वे विश्व समुदाय को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सहायता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार , मंत्रालय ने कहा कि इस कार्य से अफगानिस्तान में गरीबी कम होगी।
राजनीतिक समस्याओं को हल करने की हिदायत-
अब्दुल नासिर बोले की , “हमें विश्व के साथ अपनी राजनीतिक घरेलू समस्याओं को भी हल किया चाहिए, बातचीत की जानी चाहिए और अफगानिस्तान को मान्यता दी जानी चाहिए, ताकि एक बार फिर हम आर्थिक सहायता और विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहायता ले सकें।