मेंरठ, संवाददाता : ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने वाले बयान देने के प्रकरण में जेल में बंद सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ को रासुका (एनएसए) में निरुद्ध कर दिया गया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने इस संबंध में आदेश निर्गत कर दिया।
नगर निगम में अनुसूचित जाति के पार्षदों से मारपीट के प्रकरण में छह जनवरी को कलक्ट्रेट में भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। इसमें मुकेश सिद्धार्थ ने ऊर्जा राज्यमंत्री को लेकर विवादित बयान दिया था। इस प्रकरण में सिविल लाइंस पुलिस ने अपनी तरफ से मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
इसके बाद मुकेश सिद्धार्ध को पुलिस ने सात जनवरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट के आदेश पर मुकेश सिद्धार्ध को जेल भेज दिया गया था।
वहीं, रासुका लगाने की तैयारी की सूचना पर अनुसूचित जाति के लोग शनिवार को जिलाधिकारी से मिले थे और उन्होंने इस प्रकरण में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। इसके साथ ही दावा किया था कि अगर मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाती है तो अनुसूचित जाति के लोग फिर से महापंचायत का एलान करेंगे। अब प्रशासन ने रासुका की कार्रवाई पर मुहर लगा दी है।
क्या है रासुका
रासुका या एनएसए का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) है। इसमें व्यक्ति को अधिकतम एक वर्ष जेल में रखा जा सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। जब सरकार को लगता है कि किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा पर बात आ सकती है तो ऐसे व्यक्ति को रासुका के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा डालेगा तो उस पर भी सरकार रासुका लगा सकती है।