श्रीनगर, संवाददाता : ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) की छतरी तले काम करने वाले अलगाववादी संगठन एक-एक कर उससे किनारा करते नजर आ रहे हैं। अब तहरीक-ए-इस्तिकलाल ने भी हुर्रियत की विचारधारा से खुद को अलग कर लिया है।
घाटी में प्रतिबंधित संगठनों पर कार्रवाई का शिकंजा कसने से अलगाववादी खेमे में भगदड़ जैसे हालात बन गए हैं। ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) की छतरी तले काम करने वाले अलगाववादी संगठन एक-एक कर उससे किनारा करते नजर आ रहे हैं। अब तहरीक-ए-इस्तिकलाल ने भी हुर्रियत की विचारधारा से खुद को अलग कर लिया है।
जम्मू कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकलाल के चेयरमैन गुलाम नबी सोफी (50) ने कहा कि उन्होंने खुद को और अपनी पार्टी को ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) या (एम) या संबंधित विचारधारा वाले किसी भी अन्य समूह से अलग कर लिया है।
जारी किए गए एक बयान में सोफी ने कहा, हमने तमाम बाधाओं के बावजूद अपना संघर्ष जारी रखा, लेकिन न तो एपीएचसी (जी) और न ही (एम) आम जनता की उम्मीदों को पूरा कर पाई।