नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : जब आप दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मैदानों में से एक लॉर्ड्स में गेंदबाजी करते हैं तो यहां सबसे महत्वपूर्ण होता है टिप्पा, यानी आप गेंद को कहां पटकते हैं। क्योंकि यह मैदान समतल नहीं है। इसमें ढलान है जो पवेलियन छोर की तरफ से ऊंची है और नर्सरी छोर की तरफ नीची। इसका असर पिच पर भी पड़ता है और जिसमे दोनों छोर से गेंदबाजों को मदद मिलती है लेकिन उसके लिए आपको गेंद को सही जगह गेंद डालनी पड़ती है, वर्ना मुश्किल में बदल जाती है।
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे मुकाबले के पहले दिन भारतीय गेंदबाज आमतौर पर आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह, और मोहम्मद सिराज इसमें फेल हुए जिसके कारण इंग्लैंड ने सिर्फ विकेट के नुकसान पर 251 रन बना लिए। पिछले मैच में सिर्फ छह ओवर करने वाले नीतीश रेड्डी ने अगर पहले सत्र में दो विकेट नहीं लिए होते तो भारतीय टीम की हालत और खराब हो सकती थी। जो रूट 99 रन बनाकर नाबाद लौटे। बेन स्टोक्स 39 रन बनाकर लौटे।
नहीं मिल सका फायदा
मैच के एक दिन पहले पिच पर जितनी घास थी वह मैच वाले दिन नहीं थी। यानी उसको और छीलकर साफ कर दिया गया। यही नहीं सूर्य जैसे चमक रहे थे, जिसको देखते हुए इस सीरीज में लगातार तीसरा टास जीतने वाले इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने इस बार पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया । पिच पर ढलान को देखते हुए भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने अनुभवी गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को पवेलियन छोर से लगाया।
उधर से गेंदबाजों को ज्यादा मूमेंट मिलता है। यहां पहली बार खेल रहे दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज आकाशीदप को नर्सरी छोर से गेंदबाजी कराई गई। जबकि दोनों ही नई गेंद का फायदा नहीं उठा पाए । बुमराह के चार और कुल आठ ओवर होने के बाद गिल ने उनका छोर बदला। बाद में बुमराह नर्सरी छोर से आ गए। पहले सत्र की ड्रिंक के बाद गिल ने नर्सरी छोर से रेड्डी को लगाया और उन्होंने आते ही अपने पहले ओवर में दोनों ओपनर डकेट जैक क्राउले को आउट कर दिया।
उनकी लेग स्टंप से बाहर जाती तीसरी गेंद डकेट के दस्ताने को छूकर विकेटकीपर पंत के हाथों में गई। अगली ही गेंद पर पोप भी आउट हो जाते लेकिन तब गली में खड़े कप्तान ने उनका कैच छोड़ दिया। हालांकि, इसी ओवर की आखिरी गेंद पर नीतीश ने क्राउले को पंत के हाथों आउट करा दिया। रेड्डी की यह गेंद बहुत ही शानदार थी।