वीरप्पन से लेकर चलापति तक… कैसे हुआ इन सभी का खात्मा ? आइये जानें

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नई दिल्ली, संवाददाता : देश में नक्सलवाद का सफाया करने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने 27 माओवादियों को मार गिराया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए सुरक्षा बलों की तारीफ की है। केंद्रीय गृह मंत्री नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू को भी सुरक्षा बलों ने मार दिया है।

बसव राजू न सिर्फ पार्टी महासचिव के रूप में सीपीआइ (माओवाद) का सर्वोच्च पद पर था, साथ ही सेंट्रल मिलिट्री कमेटी के प्रमुख के रूप में लड़ाकू दस्ते का भी प्रमुख था। उसकी मौत से नेतृत्वविहीन नक्सलियों के संगठन का बिखरना निश्चित माना जा रहा है।

वीरप्पन

खूंखार डाकू, तस्कर और शिकारी वीरप्पन के सिर पर पांच करोड़ का इनाम रखा गया था। वीरप्पन ने करीब 184 लोगों को मारा, कई का गला घोंट दिया। यहां तक कि 97 पुलिस वालों को भी मौत के घाट उतार दिया। वीरप्पन के खात्मे के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने तमिलनाडु स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया। 18 अक्टूबर, 2004 को एसटीएफ ने एके-47 से फाय¨रग कर 20 मिनट में वीरप्पन का खात्मा कर दिया।

मुपल्ला लक्ष्मण राव: 2014 में माओवादी सरगना मुपल्ला लक्ष्मण राव जिन्हें गणपति के नाम से भी जाना जाता है के सिर पर 2.52 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था। गणपति कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माओवादी) के पोलित ब्यूरो का महासचिव है। भारत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ने वाले माओवादियों में 65 वर्ष का गणपति प्रमुख है। खुफिया जानकारी के अनुसार गणपति इन दिनों छत्तीसगढ़ के अबुजमाड़ क्षेत्र के जंगलों में छुपा हो सकता।

सुदर्शन कट्टम: 2023 में शीर्ष माओवादी सरगना आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम की छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के वन क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कट्टम 69 वर्ष का था। उसने लगभग पांच दशकों तक भारत में माओवादी आंदोलन के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

चलापति

जनवरी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान शीर्ष माओवादी सरगना चलापति मारा गया था जिसके सिर पर एक करोड़ का इनाम था। चलपति दशकों तक रहस्य बना हुआ था। आखिरकार उसकी पत्नी के साथ ली गई एक सेल्फी ने सुरक्षा बलों को उस तक पहुंचा दिया। चलपति ने 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में माओवादी हमले का नेतृत्व किया, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

विवेक दा: झारखंड पुलिस ने अप्रैल, 2025 में एक करोड़ रुपये के इनामी मोस्ट वांटेड माओवादी सरगना प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा को बोकारो के लुगु पहाड़ में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। विवेक दा भाकपा माओवादी की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में माओवादियों का बड़ा चेहरा था।

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