बीजिंग,एनएआई : ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे विवाद से चीन और ताइवान के बीच के आर्थिक संबंधो में लगातार गिरावट दर्ज़ की जा रही है। चीन में व्यापार कर रहीं कई ताइवानी फरमें चीन छोड़कर जाने लगी हैं। चीन और हांगकांग को ताइवान के इलेक्ट्रानिक उत्पादों के निर्यात की वृद्धि दर जोकि 2020 और 2021 के 24 प्रतिशत थी, 2022 में 11 प्रतिशत रह गई है ।
तिमाही में 10.40 प्रतिशत ताइवान का निवेश घटा
2018-19 वर्ष के बाद चीन में ताइवानी कंपनियों का निवेश घटकर 50 प्रतिशत से कम रह गया है। इस गिरावट की बड़ी वजह चीन के लिए अमेरिका की व्यापार नीतियों में लगातार हो रहे बदलावो के लेकर हैं। चीन के आर्थिक मंत्रालय से संबद्ध निवेश समीक्षा आयोग के एक ताजा आंकड़े के मुताबिक ताइवान का निवेश इस साल की पहली तिमाही में 10.40 प्रतिशत घटकर 758 मिलियन डालर पर आ गया है। जबकि आने वाले दिनों में ताइवान का निवेश घट कर 14 प्रतिशत तक आ जायेगा । मालूम हो कि ताइवान की कंपनियां, पारंपरिक रूप से चीन में सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं।
ये पिछले एक दशक से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नए पूंजीगत व्यय को कम कर रही हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी कंपनियों को चीन से अलग करने के लिए जोर देने के बाद से ही मंदी तेज हो गई है जोकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के समय में तो और बढ़ गई है। जबकि चीनी मीडिया के अनुसार मंदी के बावजूद ताइवान की फर्मों ने पिछले वर्ष चीन से रिकार्ड मुनाफा कमाया है।