अल्मोड़ा,संवाददाता : सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग, स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र की ओर से यूजीसी, इंटर यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर योगिक साइंसेज, बंगलुरू के सहयोग से परिसर के गणित विभाग सभागार में रोल ऑफ योग इन हॉलिस्टिक हेल्थ एंड वेल बीइंग (ए ट्रिब्यूट टू स्वामी विवेकानंद) विषय पर दो दिनी कार्यशाला शुरू हो गई है। पुण्य तिथि पर स्वामी विवेकानंद को याद किया गया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रतिनिधि प्रो. गिरीश चंद्र चंद्र साह ने कहा कि योग विभाग का कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उपलब्धि है। योग से बीमारी का समाधान होता है। योग से शरीर में लचीलापन आता है। मुख्य अतिथि शोध एवं प्रसार निदेशालय निदेशक प्रो. मधुलता नयाल ने कहा कि योग आज के समय की आवश्यकता है। ज्यादा तनाव लेने पर स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में योग अपनाकर अपनी जिंदगी को अच्छा बना सकते हैं। योग आज के भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए अति नितांत आवश्यक है।
पूर्व कला संकायाध्यक्ष प्रोफेसर आराधना शुक्ला ने योग विज्ञान विभाग के डॉ नवीन भट्ट के प्रयासों की सराहना किया । अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर इला साह ने कहा किआज का युवा सोशल मीडिया, मोबाइल से ग्रसित हैं। ऐसे में उसका मन व्यथित हो रहा है।योग उस विचलन को दूर कर देता है, तनाव को कम करता है, सकारात्मक विचार आते रहते है।
अगर हमको सकारात्मक रहना है तो योग को जीवन में अपनाना है। संयोजक डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता आज भी बनी है। अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट और संचालन रजनीश जोशी द्वारा किया। योग विज्ञान विभाग के डॉ. लल्लन सिंह, हेमलता अवस्थी, गिरीश अधिकारी आदि उपस्थित रहे।