कानपुर, संवाददाता : सिपाही भर्ती पेपर लीक प्रकरण में अभ्यर्थियों को पेपर बेचने के आरोपी वकील आशीष सचान को घाटमपुर के एक रहने वाले गांव के युवक ने सिपाही भर्ती का पेपर दिया था। अब तक की पूछताछ में यह बात सामने आई है। ज्ञात हुआ है कि एक रात पहले ही आरोपी आशीष सचान को प्रश्नपत्र की कुंजी मिल गई थी, जिसके एवज में पांच लाख रुपये की मांग की गई थी।
एडवांस के तौर पर दिए 60,000 रुपये
60,000 रुपये एडवांस के तौर पर भी दिए थे और शेष रकम परीक्षा के परिणाम आने पर दिया जाना था लेकिन वकील लोगो के हंगामे के चलते पुलिस उस युवक तक नहीं पहुंच सकी जिसके बाद अब स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ भी उस युवक की ढूढ़ने में जुट गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब उस युवक से ही पुलिस को पेपर लीक की अगली कड़ी का पता चल पायेगा ।
अब तक की जांच से ज्ञात हुआ है कि जिस प्रदीप कुमार के 18 फरवरी के नकल सामग्री के साथ पकड़े जाने के बाद कानपुर में पेपर लीक कांड का खुलासा हुआ था, उसके दो भाइयों संदीप कुमार और सुदीप उर्फ राजू और पिता रामनाथ ने उसे सिपाही बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया था। आवेदन करने के लिए पहले फर्जी दस्तावेजों के सहारे उम्र में आठ से दस वर्षो की कमी किया ।
इसके बाद दोबारा हाईस्कूल व इंटर कराया और फिर सिपाही भर्ती की परीक्षा में बैठा दिया। परीक्षा में अच्छे अंक आएं, इसके लिए पेपर के जवाब भी जुटाने के लिए हाथ पांव मारने शुरू किए। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान बड़े भाई सुदीप उर्फ राजू की नौबस्ता निवासी अंकित से पहले से जान पहचान थी। इसी दौरान जब उसने भाई के परीक्षा में बैठने की बात कही, तो अंकित ने उसे प्रश्नपत्र पहले ही उपलब्ध कराने का आश्वाशन दिया।
प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया
चूंकि सुदीप अंकित को लंबे समय से जानता था, इसलिए दोनों के बीच पांच लाख में सौदा तय हो गया। इसके बाद भाइयों और पिता ने मिलकर साठ हजार रुपये का इंतजाम किया और अंकित को दे दिए। बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने के बाद दी जानी थी। जांच में यह बात सामने आने के बाद पुलिस ने प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान का नाम क़बूला
इसके साथ ही एस्टीएफ अंकित की तलाश में जुट गई। तीन दिन पहले अंकित पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उससे लंबी और कई राउंड की पूछताछ की गई. तो उसने बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान का नाम कबूला । जबकि उसे यह नहीं पता था कि आशीष को प्रश्नपत्र कहां से मिला, तो पुलिस ने एडवोकेट की तलाश शुरू की। किराए पर रह रहे आशीष को हिरासत में ले लिया।