नई दिल्ली, हेमंत जोशी : दामपत्य जीवन के लिए कुंडली में गुरु और शुक्र का ताकतवर होना आवश्यक माना गया है। शुक्र ग्रह के 23 मार्च को अस्त होने और 6मई को देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने के कारण 14 अप्रैल से शुरू हो रहे उपनयन संस्कार, विवाह लग्नों, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों में शुभ मुहूर्त का अभाव रहेगा।
23 मार्च से शुक्र ग्रह अस्त हो गया है और देवगुरु बृहस्पति भी 6 मई को अस्त हो जाएंगे। ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती ने कहा कि चंद्रमा, बृहस्पति, शुक्र ग्रह की अनुकूलता विवाह के लिए आवश्यक होती है। ज्योतिष गणना के मुताबिक इस दौरान विवाह लग्नों में रोक रहेगी। कहा कि शुभ विवाह लग्न आषाढ़ यानि 11 जुलाई को आंशिक रूप से है। 22 नवंबर से विवाह लग्न होंगें।
इन योगों में भी न करें विवाह-
प्रतिपदा तिथि में मूल नक्षत्र होने पर।
पंचमी तिथि को भरणी नक्षत्र होने पर।