दोहा, वर्ल्ड डेस्क : हूती विद्रोहियों को मिटाने का ट्रंप ने संकल्प ले लिया है। कुछ दिनों पहले जब अमेरिका की सेना हूती विद्रोहियों पर ताबड़तोड़ हमला कर रही थी तो राष्ट्रपति ट्रंप मंजर को लाइव देख रहे थे।
हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने किए ताबड़तोड़ हमले
अमेरिका ने यमन के होदेइदाह शहर में हवाई अड्डे पर तीन हमले किए हैं। अमेरिकी सेना ने सादा के उत्तरी प्रांत के सहर और किताफ जिलों पर बमबारी की और मारिब के मध्य प्रांत पर पांच हवाई हमले किए। अमेरिकी सेना ने मारिब के माज्जर जिले को निशाना बनाकर पांच हवाई हमले किए। इस हमले में हूती नौसेना बल के कमांडर मंसूर अल-सादी घायल हो गया है।
ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि जब तक हूती विद्रोही अहम समुद्री गलियारे पर आने-जाने वाले मालवाहक पोतों पर अपने हमले बंद नहीं कर देते, तब तक वह ‘पूरी ताकत से’ हमले जारी रखेंगे।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसेना संपत्तियों की रक्षा करने, नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके आकाओं और मिसाइल रक्षा तंत्र पर हवाई हमले कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा था,‘‘कोई भी आतंकी ताकत अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक पोतों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक पाएगी।’’
इजरायल के खिलाफ भी खोला मोर्चा
इससे पहले हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक किया था। इजरायली मीडिया ने आईडीएफ के हवाले से बताया कि रविवार को यमन से आने वाली एक बैलिस्टिक मिसाइल को इजरायली एयरफोर्स ने हवा में ही इंटरसेप्ट करके नष्ट कर दिया। इस हमले के बाद आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव हो गए और देश भर में सायरन बजने लगे।
आखिर अमेरिका और हूती दुश्मन क्यों बन गए ?
दरअसल, अमेरिकी और हूती गुट की दुश्मनी की शुरुआत साल 2003 में हुई थी जब अमेरिका ने सद्दाम हुसैन के खिलाफ ईराक पर हमला किया था। इसके बाद हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था कि “ईश्वर महान है। अमेरिका का खात्मा हो। यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की विजय हो।