नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है।
अदालत ने याचिकाकर्ता से पुछा कि आपने मांग की है कि रिटायर्ड जज की अगुवाई में पहलगाम हमले के जांच हो।न्यायाधीश कब से ऐसे प्रकरणों की जांच करने के एक्सपर्ट हो गए हैं? उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखिए।
सभी को साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा
न्यायालय ने कहा कि यह कठिन समय है और सभी को साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
जबकि, याचिका दाखिल कर ये मांग की गई थी कि पहलगाम हमले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई थी।
SC ने वकीलों की आलोचना की
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले वकीलों की उच्चतम न्यायालय ने कड़ी आलोचना की है। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ ने वकीलों से जिम्मेदार बनने को कहा है।
पीठ ने कहा, “जिम्मेदार बनो। देश के प्रति तुम्हारा कुछ कर्तव्य है। क्या यही तरीका है, कृपया ऐसा मत करो। कब से एक एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ऐसे मुद्दों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गए हैं?”
जस्टिस सूर्यकांत ने की ये अपील
न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, “यह काफी महत्वपूर्ण समय है और देश के हर एक नागरिक को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हाथ मिलाया है। ऐसी कोई प्रर्थना मत करो जिससे किसी व्यक्ति का मनोबल गिरे। मुद्दे की संवेदनशीलता को देखों।” हालांकि कुछ देर की बहस के बाद वकीलों ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांग ली।